सामने दुर्गा पूजा और मोहर्रम है. राज्य में इस समय उत्सव का वातावरण है. बड़ी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग जा रहे हैं. इस स्थिति में विमल गुरूंग ने दार्जिलिंग बंद का एलान कर लोगों की भावनाआें के साथ खिलवाड़ किया है. विमल गुरूंग एवं उनकी पार्टी की यह हरकत पूरी तरह अवैध है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य को विकास के पथ पर ले जाना चाहती हैं, इसलिए वह हर प्रकार के बंद की विरोधी हैं. अदालत के निर्देश के बावजूद विमल गुरूंग ने दार्जिलिंग बंद का एलान कर एक तरह से कानून को चैलेंज काम किया है.
वह खुद को पहाड़ का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति मानते हैं, लेकिन यह उनका भ्रम है. बड़ी संख्या में गोजमुमो के नेता व कार्यकर्ता तृणमूल में शामिल हो रहे हैं. इस कारण विमल गुरूंग के पैरों तले से जमीन ही नहीं पहाड़ भी खिसकने लगा है. मेरा अदालत से यह आवेदन है कि वह इस बंद को अवैध घोषित कर ऐसा फैसला सुनाये कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक दल व संगठन बंद का एलान करने का साहस नहीं कर पाये. श्री अली ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.