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अधीर के नेतृत्व में हुई बैठक. निलंबन के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित,मानस के निलंबन की सिफारिश

कोलकाता :कांग्रेस विधायक दल के नेता व विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने लोक लेखा कमेटी (पीएसी) के चेयरमैन व वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया पर पार्टी विरोधी गतिविधि, पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी व सत्तारूढ़ दल की खुशामदी करने का अारोप लगाते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) को डॉ भुईंया को […]

कोलकाता :कांग्रेस विधायक दल के नेता व विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने लोक लेखा कमेटी (पीएसी) के चेयरमैन व वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया पर पार्टी विरोधी गतिविधि, पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी व सत्तारूढ़ दल की खुशामदी करने का अारोप लगाते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) को डॉ भुईंया को पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश की.

शुक्रवार को विधानसभा में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में हुई बैठक में डॉ भुईंया को पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश के बाबत सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया तथा प्रस्ताव की प्रति पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी व केंद्रीय पर्यवेक्षक सीपी जोशी को भेज दी गयी है.

इसके साथ ही कांग्रेस विधायक दल ने डॉ भुईंया का बॉयकाट करने की घोषणा करते हुए कहा कि डॉ भुईंया कांग्रेस विधायक दल के कक्ष का इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि डॉ भुईंया जिस तरह से पार्टी व विधायक दल के निर्देशों की अवमानना कर रहे हैं. एआइसीसी द्वारा पीएसी के पद नहीं स्वीकार करने के निर्देश के बावजूद पद पर बने हुए हैं.

पार्टी विधायकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं और कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं. उससे पार्टी के सम्मान को धक्का लग रहा है. पार्टी के समर्थक व नेता सवाल कर रहे हैं. दल के हितों को नुकसान हो रहा है. वे लोग चाहते थे कि डॉ भुईंया पार्टी के निर्देश का पालन करें, लेकिन उनका आक्रमण दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है. वह विगत डेढ़ माह से चुप थे, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर जा रहा है. ऐसी स्थिति में पार्टी के हित में अब चुप नहीं रहा जा सकता. इस कारण ही कांग्रेस विधायक दल ने डॉ भुईंया को सर्वसम्मति से पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश की है.

मानस ने मन्नान पर किया पलटवार, कहा मानसिक रूप से हैं अवसादग्रस्त
मन्नान द्वारा मानस को पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश के बाद डॉ. मानस रंजन भुइयां ने उन पर पटलवार करते हुए कहा कि श्री मन्नान मानसिक रूप से अवसादग्रस्त हैं और किसी न किसी बहाने उन्हें पार्टी से निकालना चाहते हैं, हालांकि उन्होंने कभी भी पार्टी के किसी भी निर्देश का उल्लंघन नहीं किया है. उनकी पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक सीपी जोशी से बात हुई है. उनके निलंबन के संबंध में सिफारिश की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्हें निलंबन की सिफारिश से संबंधित कोई पत्र ही दिया गया है. श्री मन्नान व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी व्यक्तिगत ईष्या के मद्देनजर उनके खिलाफ विष वमन कर रहे हैं. महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता के खिलाफ अांदोलन किया था, लेकिन मन्नान कांग्रेस में अस्पृश्यता की राजनीति ला रहे हैं. उन पर हमले की धमकी दी जा रही है. विधानसभा के अध्यक्ष विधानसभा में सर्वोपरि हैं. वह उनसे सुरक्षा की अपील करेंगे. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस में उन्हें अवांछित बना दिया गया है, तो वह कोई कड़ा फैसला क्यों नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा कि वह डॉक्टर हैं और वह सही समय पर सही फैसला लेंगे और वह अगले शुक्रवार को फिर पीएसी की बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तृणमूल कांग्रेस भाजपा के खिलाफ आवाज उठा रही है, तो प्रदेश अध्यक्ष व मन्नान क्यों वामपंथी बने फिर रहे हैं और भाजपा के खिलाफ क्यों नहीं आवाज बुलंद करते हैं.
निलंबन का क्या है प्रावधान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार कांग्रेस विधायक दल द्वारा निलंबन की सिफारिश का फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) लेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटोनी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की अनुशासन रक्षा कमेटी इस पर चर्चा करेगी. वह कमेटी डॉ भुईंया को पूछताछ के लिए बुला सकती है और श्री मन्नान को भी बुला सकती है. चूंकि डॉ भुईंया विधायक भी हैं और एआइसीसी के सदस्य भी हैं. इस कारण उनके निलंबन के फैसले पर अंतिम मुहर एआइसीसी को लगाने का अधिकार है. अत: यह मामला अभी लंबा खिंचने की संभावना है.
मानस को निलंबित करने के लिए आलाकमान को दी चिट्ठी : अधीर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने बताया कि दलविरोधी कार्य करने के लिए पार्टी आलाकमान को श्री भुईंया के निलंबन की सिफारिश की गयी है. कांग्रेस के विधायक दल की ओर से श्री चौधरी को इस बाबत सिफारिश की गयी थी. इसके बाद उस सिफारिश को पार्टी आलाकमान के पास भेजा गया है. विपक्ष को कमजोर करने के लिए प्रशासनिक आतंक तृणमूल कांग्रेस चला रही है.

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