मोदी ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान अपने नाम की कढाई वाला जो सूट पहना था उसे नीलामी में सबसे अधिक कीमत पर बेचे गये सूट के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है. इस पर विपक्ष की ओर से आलोचना शुरू हो गयी. खबरों के मुताबिक सूट 10 लाख रुपये में तैयार हुआ था और 11 लाख रुपये के आधार मूल्य पर इसकी नीलामी की गयी. सूट की नीलामी से मिली राशि को केंद्र सरकार के स्वच्छ गंगा मिशन में दिया गया है. इसके बाद ममता ने केंद्र सरकार के इस नियम की आलोचना की कि अगर छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है तो उन्हें छात्रवृत्ति या अन्य फायदे नहीं मिलेंगे. ममता ने कहा : इसे रोकने वाले वे कौन होते हैं? सरकार को समझना चाहिए कि हम किसी की दया पर सत्ता में नहीं आये हैं. केंद्र का अपना अधिकार क्षेत्र होता है और राज्य का अपना. केंद्र को राज्य के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सकारात्मक मुद्दों पर हमेशा केंद्र को सहयोग दिया लेकिन केंद्र की ओर से कभी ऐसा सहयोग नहीं मिला.
मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार पर ठीक से काम करने के बजाय विज्ञापन देने में अधिक दिलचस्पी रखने का आरोप लगाया. ममता ने बीएसएफ द्वारा कथित तौर पर ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन की नारायणी सेना को प्रशिक्षण दिये जाने के संदर्भ में भी बात की और केंद्र पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा : कल्पना कीजिए कि बीएसएफ ऐसे लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है, जो देश और राज्य को तोड़ना चाहते हैं. एक सांसद (भाजपा के) केंद्र को उनके (नारायणी सेना के) पक्ष में पत्र लिख रहे हैं और कह रहे हैं कि उसे भारतीय सेना में शामिल किया जाये. उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हर घर में जाकर गायों की गिनती कर रहे हैं. हम इस तरह की चीजें बर्दाश्त नहीं करेंगे. बीएसएफ ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बता कर खारिज कर दिया है.