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पत्नी के चरित्र पर शक होने पर चार मासूम बच्चों की कर दी थी हत्या, अदालत ने दी सजा-ए-मौत

हावड़ा. अपनी दो बेटियों, एक बेटा और साली के एक पुत्र की हत्या के आरोपी को मंगलवार को उलबेड़िया महकमा अदालत ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनायी. हावड़ा के इतिहास में किसी अभियुक्त को पहली बार फांसी की सजा दी गयी है. अभियुक्त का नाम हादी कुरैशी है. उलबेड़िया कोर्ट के अतिरिक्त […]

हावड़ा. अपनी दो बेटियों, एक बेटा और साली के एक पुत्र की हत्या के आरोपी को मंगलवार को उलबेड़िया महकमा अदालत ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनायी. हावड़ा के इतिहास में किसी अभियुक्त को पहली बार फांसी की सजा दी गयी है. अभियुक्त का नाम हादी कुरैशी है. उलबेड़िया कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश शुभाशीष घोष ने सजा सुनायी. हादी कुरैशी ने चारों बच्चों को बारी-बारी से दामोदर नदी में फेंका था. घटना के दूसरे दिन बच्चों के शव नदी किनारे से बरामद हुए थे.
बच्चों को नहीं मानता था संतान
अभियुक्त हादी कुरैशी हावड़ा थाना क्षेत्र स्थित टिकियापाड़ा के हमीद मुंशी लेन में रहता है. वह पहले कसाई का काम करता था. उसे तीन बच्चे (दो बेटी- एक बेटा) थे. हादी का कहना था कि उसकी पत्नी का दूसरे से अवैध संबंध है. इसलिए वह तीनों बच्चों को अपनी संतान नहीं मानता था. इस मुद्दे पर दंपती में अक्सर झगड़ा होता था. 14 नवंबर 2011 की शाम में हादी अपने तीनों बच्चे अब्दुल कादिर (5), रौनक खातून (4) एवं आलिशा खातून (2) को लेकर घर से निकला. उसने साली के बेटे शाहिद हुसैन कुरैशी (6) को भी साथ ले लिया. पत्नी को बताया कि बच्चों के साथ टिकियापाड़ा में एक दावत में शामिल होने के लिए जा रहा है. देर रात तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने हावड़ा थाना में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी.
बारी-बारी से नदी में फेंका
14 नवंबर की शाम में चार बच्चों को लेकर हादी टिकियापाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंचा. वहां से कुलगछिया स्टेशन उतरा. वैन रिक्शा पर बैठकर बच्चों को लेकर दामोदर नदी के किनारे गया. बच्चों को पावरोटी और चॉकलेट खिलायी. शाम ढलते ही चारों बच्चे नदी किनारे ही सो गये. हादी को इसी वक्त का इंतजार था. उसने बारी-बारी से सभी बच्चों को नदी में फेंक दिया. बच्चों की मौत हुई कि नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए एक घंटे तक नदी किनारे बैठा रहा.
15 नवंबर 2011 को मिले शव
15 नवंबर 2011 की शाम में बागनान थाना क्षेत्र स्थित बाढ़ भगवतीपुर में दो एवं रविभाग में दो बच्चों के शव दामोदर नदी के किनारे मिले. ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची बागनान पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया. एक साथ चार बच्चों का शव बरामद होने से पुलिस भी चकित रह गयी.
16 नवंबर को मिली जानकारी
16 नवंबर 2011 की सुबह में चार बच्चों के शव बरामदगी की खबर अखबार में प्रकाशित होने के बाद परिजन हावड़ा थाना पहुंचे. वहां से उन्हें बागनान थाना भेजा गया. उन्होंने शवों की शिनाख्त की. ये बच्चे हादी कुरैशी के थे. इसके बाद पुलिस ने हादी कुरैशी की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने सीआइडी जांच का आदेश दिया. जांच में पुलिस को हादी के उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में छिपे होने की सूचना मिली. इसके बाद हावड़ा सिटी पुलिस की एक टीम प्रतापगढ़ गयी, लेकिन हादी पकड़ में नहीं आया.
21 नवंबर को पकड़ा गया आरोपी
पुलिस को शक था कि हादी उस जगह पर जरूर जायेगा, जहां उसने चारों बच्चों को नदी में फेंका था. पुलिस का शक सही निकला. 21 नवंबर की सुबह पुलिस ने हादी को दामोदर नदी के किनारे से गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया. मामले की सुनवाई उलबेड़िया अदालत में शुरू हुई. मंगलवार को न्यायाधीश ने कहा कि महज पत्नी पर शक होने की वजह से चार मासूम बच्चो‍ं की हत्या एक विरलतम घटना है. अदालत अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाती है.

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