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बिना पीएचडी के बन सकते हैं प्रिंसिपल ?

कोलकाता: राज्य सरकारी एवं सरकारी मदद प्राप्त कॉलेजों में बिना पीएचडी के प्रिंसिपलों की नियुक्ति मुद्दे पर राज्य सरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र लिखेगी. बता दें कि राज्य के कई कॉलेज में प्रिंसिपल नहीं हैं. प्रिंसिपल पद के लिए प्राध्यापक आवेदन नहीं कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में पूछा […]

कोलकाता: राज्य सरकारी एवं सरकारी मदद प्राप्त कॉलेजों में बिना पीएचडी के प्रिंसिपलों की नियुक्ति मुद्दे पर राज्य सरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र लिखेगी. बता दें कि राज्य के कई कॉलेज में प्रिंसिपल नहीं हैं. प्रिंसिपल पद के लिए प्राध्यापक आवेदन नहीं कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में पूछा कि यदि किसी अध्यापक के पास अनुभव है, लेकिन पीएचडी की डिग्री नहीं है तो क्या उन्हें प्रिंसिपल नियुक्त किया जा सकता है. इस बारे में मैं यूजीसी को पत्र लिखूंगा. सरकारी मदद प्राप्त 170-75 कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं हैं. 75 कॉलेजों में प्रिसिपल के लिए आवेदन मिले हैं. अगस्त तक यहां नियुक्ति हो जायेगी. कॉलेजों में प्रिंसिपलों की सुविधा बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है. उधर, शिक्षा मंत्री का कलकत्ता विश्वविद्यालय के अस्थायी कुलपति सुरजीत मारजित से तरकार बढ़ गयी है. सुरजित का कार्यकाल 14 जुलाई को समाप्त हो रहा है. पार्थ ने कहा कि 13 जुलाई के बाद उनका क्या होगा मैं नहीं जानता.
बीए कमेटी की बॉयकाट की घोषणा पर नरम पड़ा विपक्ष
कोलकाता. सत्तारूढ़ दल व विधानसभा अध्यक्ष पर विधानसभा में विरोधी दलों के मामले को लेकर उदासीन रहने के आरोप में वाममोरचा व कांग्रेस ने बीए कमेटी के बॉयकाट की घोषणा की घोषणा की थी लेकिन अब उन्होंने इस पर नरम रूख अपनाया है. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी व संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी के आह्वान पर वाममोरचा व कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने बीए कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया. माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि वे कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि सहित अन्य मांगों को उठाना चाहते थे, लेकिन उन लोगों की मांगों को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा था. इसी कारण उन लोगों ने बीए कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया था. हालांकि उन लोगों की मांगें नहीं मानी गयी हैं लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन लोगों से बीए कमेटी की बैठक का बहिष्कार नहीं करने का आवेदन किया है. विपक्ष ने बताया कि प्रजातंत्र में विधानसभा में अध्यक्ष सर्वोच्च है. इस कारण उन लोगों ने अध्यक्ष की अपील को ध्यान में रखते हुए बीए कमेटी की बैठक का बहिष्कार फिलहाल नहीं करने की घोषणा की है, लेकिन भविष्य में यदि उन लोगों के साथ ऐसा रवैया अपनाया जाता है, तो उन लोगों का विरोध जारी रहेगा.
शिक्षकों की योग्यता से नहीं होगा कोई समझौता : पार्थ
कोलकाता. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की योग्यता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी. श्री चटर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में शिक्षा विभाग के बजट पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि वाम सरकार के समय कई ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है जिनके पास शिक्षक पद की योग्यता नहीं है. इसी कारण पैरा टीचरों को स्थायी करने की मांग उठती है, क्योंकि उनमें से कई उनके रिश्तेदार हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों में भ्रष्टाचार और आर्थिक गड़बड़ी को बरदास्त नहीं करेगी. कलकत्ता विश्वविद्यालय में गड़बड़ी की रिपोर्ट सौंप दी गयी है, लेकिन अभी तक यह रिपोर्ट क्यों शिक्षा विभाग के पास नहीं पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग का बजट बढ़ कर 30277077 करोड़ हो गया है. पहले छात्रवृत्ति के लिए 75 करोड़ रुपये दिये जाते थे. इसे बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दिये गये हैं. वर्चुअल क्लास रूम के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों को प्रति माह 1400 रुपये की जगह 4000 रुपये, मेडिकल के छात्रों को 1500 रुपये की जगह 4000 रुपये, कारीगरी शिक्षा के छात्रों को 1400 रुपये की जगह 2750 रुपये, बीएड के छात्रों को 750 रुपये की जगह 2000 रुपये, बीएससी के छात्रों को 900 रुपये की जगह 2750 रुपये तथा बीकॉम के छात्रों को 750 रुपये की जगह 2000 रुपये प्रति माह छात्रवृत्ति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इसका 57000 छात्रों को लाभ मिलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि वाममोरचा शासन के दौरान शिक्षण नियुक्ति में न्यूनतम मापदंडों का भी पालन नहीं किया गया है. जब शिक्षक ही योग्य नहीं होगा, तो योग्य छात्र कैसे तैयार होंगे.
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का उद्देश्य है विस्तार, समानता, उत्कर्ष व सशक्तिकरण है. अभी तक स्कूलों में छात्रों को देने के लिए सरकार की ओर से 47 लाख के जूते प्रदान किये गये हैं. शीघ्र ही तीन लाख जूते और दिये जायेंगे. उन्होंने कहा कि कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन हो रहा है. इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं है. यदि कोई गड़बड़ी दिखाता है कि मेधावी छात्र ने आवेदन किया है और उसका दाखिला नहीं हुआ है, तो वे उस छात्र को सबसे पहले दाखिला दिलाने की व्यवस्था करेंगे.

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