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Friday, March 29, 2024

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31 नहीं, 100 से अधिक मरे

डेंगू. सर्विस डॉक्टर फोरम व मेडिकल सर्विस सेंटर का आरोप कहा : रोकथाम के लिए युद्धकालीन तत्परता पर कार्य करने की जरूरत डें‍गू से मारे गये मरीजों के डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू डेथ ना लिखने का दिया गया है फरमान कोलकाता : कोलकाता, उत्तर 24 परगना तथा उत्तर बंगाल में डेंगू से हाहाकार मचा है. […]

डेंगू. सर्विस डॉक्टर फोरम व मेडिकल सर्विस सेंटर का आरोप

कहा : रोकथाम के लिए युद्धकालीन तत्परता पर कार्य करने की जरूरत
डें‍गू से मारे गये मरीजों के डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू डेथ ना लिखने का दिया गया है फरमान
कोलकाता : कोलकाता, उत्तर 24 परगना तथा उत्तर बंगाल में डेंगू से हाहाकार मचा है. मच्छर जनित यह संक्रमण अब महामारी का रूप धारण कर लिया है. ऐसी स्थिति में इस बीमारी के रोकथाम के लिए कार्य करने के बजाय सरकार डेंगू से जुड़े तथ्यों को छुपाने में वयस्त है. सरकारी चिकित्सकों को डें‍गू से मारे गये मरीजों के डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू डेथ ना लिखने का निर्देश दिया गया है. हालांकि यह सरकारी फतवा लिखित रूप से जारी नहीं किया गया है. अाम तौर पर डेंगू से मारे गये व्यक्ति के डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू फिवर, डेंगू शॉक सिंड्रोम अथवा हेमरेजिंग फिवर लिखा जाता है, लेकिन लोगों को भ्रमित करने के लिए चिकित्सकों को मेडिकल की कठिन भाषा में डेथ सर्टिफिकेट लिखने के लिए मजबूर किया जा रहा है, ताकि आम लोग न समझ सके की मौत डेंगू से हुई है.
डेथ सर्टिफिकेट पर मौत के कारण डेंगू को नहीं लिखने के लिए चिकित्सकों पर दबाव डाला जा रहा है. एक ओर जहां डेंगू से अब तक 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, तो वहीं राज्य सरकार के अनुसार मात्र 31 लोगों ने ही जान गवायी है. जो निंदनीय है. यह बातें सर्विस डॉक्टर्स फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास ने कहीं. वह सर्विस डॉक्टर फोरम तथा मेडिकल सर्विस सेंटर की ओर से आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. इस संवाददाता सम्मेलन में डॉ स्वपन विश्वास, मेडिकल सर्विस सेंटर के डॉ अंशुमान मित्रा व अन्य चिकित्सक उपस्थित थे.
डॉ विश्वास ने कहा कि डेंगू का प्रकोप बढ़ ही सकता है. इसे लेकर हम सरकार की निंदा नहीं करना चाहते हैं, लेकिन इस बीमारी के रोकथाम पर सोच विचार किये जाने के बजाय सरकार इसे दबाने में लगी हुई है.
नि:शुल्क जांच की हो व्यवस्था
डॉ विश्वसा ने बताया कि सरकारी स्टेट जनरल हॉस्पिटल तथा ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में डेंगू की जांच के लिए रक्त परीक्षण की व्यवस्था की जाये, क्योंकि उक्त अस्पताल में डेंगू जांच की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को निजी जांच केंद्रों‍ में ब्लड टेस्ट करवाना पड़ रहा है. जांच महंगी होने के कारण कई लोग जांच करवा भी नहीं पाते हैं और बगैर जांच के ही उन्हें जान गवानी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि उत्तर 24 परगना के जिला अस्पताल को छोड़ कर सरकारी स्तर के किसी अस्पताल में जांच की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को तथ्यों को ना छुपा कर रोकथाम के लिए कार्य करना चाहिए. इससे अगले साल डेंगू के प्रकोप से बचा जा सकेगा.
डेंगू का सबसे अधिक प्रकोप उत्तर 24 परगना के ग्रामीण अंचल में
डॉ विश्वास ने कहा कि डेंगू का सबसे अधिक प्रकोप उत्तर 24 परगना के ग्रामीण अंचलों में‍ है. जिले के अशोक नगर, देगंगा, उत्तर व दक्षिण दमदम, स्वरूपनगर, बादुरिया, विधाननगर जैसे इलाकों में डेंगू महामारी का आकार ले लिया है. वहीं उत्तर बंगाल में डें‍गू के साथ अब जापानी इंसेफेलाइटिस का भी प्रकोप बढ़ रहा है.
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