हालांकि, बंद की वजह से वहां कार्यरत लोग जीटीए सहित अन्य सरकारी कार्यालयाें में नहीं जा पाये थे और राज्य सरकार ने इनके वेतन में कटौती करने की घोषणा की थी, लेकिन सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तय किया गया है कि इन कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जायेगा. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बंद के दौरान नहीं आनेवाले कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, मुख्यमंत्री ने वेतन काटने के संबंध में कुछ नहीं कहा था.
वहीं, विनय तामांग ने गोरखालैंड के मुद्दे पर कहा कि गोजमुमो द्वारा इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, क्योंकि अलग राज्य बनाना केंद्र सरकार का मुद्दा है. वहीं, जीटीए के सफल संचालन के लिए उन्होंने राज्य सरकार को दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपा है, जिसमें जीटीए में और विभागों को शामिल करने की मांग की है.
इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज सर्विस कमीशन व डब्ल्यूबीसीएस सहित अन्य परीक्षाओं के प्रश्न पत्र को नेपाली भाषा में भी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इससे यहां से भी अधिक से अधिक लोग परीक्षा में बैठ पायेंगे और उनको सरकारी नौकरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके इस अावेदन पर विचार करने का आश्वासन दिया है.