कोलकाता : ईंट-भट्ठा चलाने के नाम पर उत्तर 24 परगना सहित राज्य के विभिन्न जिलाें में मिट्टी का अवैध खनन जारी है है. हालांकि, इस संबंध में कलकत्ता हाइकोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को इस पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. लेकिन हाइकोर्ट के निर्देश के बावजूद जिला प्रशासन सुस्त है. उत्तर 24 परगना जिले में विभिन्न क्षेत्रों में ईंट-भट्ठा मालिक अवैध तरीके से मिट्टी की कटाई कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीजपुर थाना क्षेत्र के हालीशहर के रहनेवाले हीरा लाल साव ने वर्ष 2007 में 13 एकड़ 15 शतक जमीन पर फैले हुए अपने ईंट-भट्ठे को लीज पर आलोक बनर्जी को दिया था.
ईंट-भट्ठा लीज पर देने के बाद हीरालाल साव की मृत्यु हो गयी. इसके बाद उनकी 78 वर्षीय पत्नी राम दुलारी देवी व बड़े पुत्र आनंद कुमार साव जब अपने ईंट-भट्ठे पर पहुंचे तो देखा कि उनके ईंट-भट्ठे को तोड़ कर वहां मैदान बना दिया गया है और फिर वहां से अवैध रूप से मिट्टी की कटाई की जा रही है. पूरे जमीन की प्रकृति ही बदल दी गयी है. गौरतलब है कि इस संबंध में हाइकोर्ट का निर्देश है कि किसी भी ईंट-भट्ठा की प्रकृति को परिवर्तित नहीं किया जा सकता और ईंट-भट्ठा मालिकों को ईंट बनाने में लगनेवाली मिट्टी को खरीदना होगा. लेकिन उस क्षेत्र के ईंट-भट्ठा मालिक हाइकोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए अवैध रूप से मिट्टी की कटाई कर रहे हैं.
इस संबंध में जमीन के मालिक स्वर्गीय हीरालाल साव की पत्नी राम दुलारी देवी व उनके बड़े बेटे आनंद कुमार साव ने ईंट-भट्ठा चला रहे आलोक बनर्जी के खिलाफ बारासात कोर्ट में याचिका दायर की और बारासात कोर्ट ने मिट्टी के खनन पर निषेधाज्ञा जारी कर दी, इसके बाद आलोक बनर्जी ने इस आदेश के खिलाफ जिला जज के पास याचिका दायर की, इसके बाद इसके बाद स्थानीय बीएलआरओ, ग्राम पंचायत व कोर्ट कमीशन ने जिला जज के समक्ष रिपोर्ट पेश कर बताया कि ईंट-भट्ठा के नाम पर वहां मिट्टी का अवैध रूप से खनन किया जा रहा है. साथ ही जमीन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. इसके जिला जज ने आलोक बनर्जी की याचिका को खारिज करते मिट्टी के खनन पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया. लेकिन फिर भी पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
इसके बाद याचिकाकर्ता ने कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने जिला प्रशासन को ईंट-भट्ठे के नाम पर हो रही मिट्टी की कटाई बंद करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में हाइकोर्ट ने जिलाधिकारी सहित पुलिस प्रशासन को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.