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पश्चिम बंगाल : जमीन अधिग्रहण के खिलाफ भांगड़ में हिंसक आंदोलन, गोली लगने से दो की मौत

कोलकाता : भांगड़ में विद्युत सब स्टेशन के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ, सब-स्टेशन को बंद करने व पुलिस अत्याचार के खिलाफ आंदोलन हिंसक रूप अख्यितार कर लिया. हिंसा में दो लोगों की मौत हो गयी है. मरने वालों में मफीजुल अली खान (26) शामिल हैं. वह डेरेजियो कॉलेज का छात्र था, जबकि खबर है […]

कोलकाता : भांगड़ में विद्युत सब स्टेशन के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ, सब-स्टेशन को बंद करने व पुलिस अत्याचार के खिलाफ आंदोलन हिंसक रूप अख्यितार कर लिया. हिंसा में दो लोगों की मौत हो गयी है. मरने वालों में मफीजुल अली खान (26) शामिल हैं. वह डेरेजियो कॉलेज का छात्र था, जबकि खबर है कि गंभीर हालत में अारजीकर में ‍भरती एक आंदोलनकारी की भी मौत हो गयी है.

आंदोलनकारियों ने पुलिस व रैफ की कई गाड़ियों को जला दी और पानी में फेंक दिया. आंदोलनकारियों पर पुलिस पर जम कर पत्थरबाजी की. पुलिस ने हिंसा पर नियंत्रण लाने के लिए लाठीचार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर शाम को इलाके से रैफ व पुलिस के जवानों को वापस बुला लिया गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टिवीट् किया है कि आंदोलन के पीछे माओवादियों का हाथ है. लगभग 40 से 50 माओवादी आंदोलनकारियों के साथ मिल गये थे. उनकी गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि जमीन आंदोलन के सहारे सत्ता में आने वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राज में भी किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में विद्युत सब-स्टेशन के लिए राज्य सरकार द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया गया था. अब गांववाले अपनी जमीन वापस करने और पावरगिर्ड को बंद करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. आंदोलनकारियों की दवाब में सरकार ने पावरग्रिड को सोमवार को बंद कर दिया था,लेकिन मंगलवार सुबह से ही किसानों ने पुलिस के अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस जब प्रदर्शनकारियों को शांत कराने पहुंची तो किसानों व पुलिस के बीच झड़प हो गयी. स्थानीय किसानों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके.

जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों में तोड़फसेड़ की. कई वाहनों में आग लगा दी गयी और कई गाड़ियों को तालाब में फेंक दिया गया. घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में किसानों पर लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले दागे. इलाके को शांत करने के लिए वहां रैफ के जवानों को तैनात किया गया है, जो गांव में घुस कर प्रदर्शनकारियों को पकड़ रहे हैं और आंदोलन को शांत करने में जुटे हुए हैं. गौरतलब है कि एक इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन के निर्माण को लेकर राज्य सरकार वहां जमीन

अधिग्रहण करने जा रही थी, जिसका गांव वाले विरोध कर रहे थे. इस घटना को लेकर मंगलवार को दिन-भर गांववालों व पुलिस के बीच कई दौर में झड़प हुई, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए हैं. वहीं, किसानों के आंदोलन को शांत करने के लिए राज्य सरकार ने कहा कि इससे काम रुक गया है. राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से शांति स्थापना के लिए बातचीत का अनुरोध किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गांववालों ने पुलिस पर हमला किया और कुछ पुलिसकर्मी पत्थरों और ईंटों से घायल हो गये.

अधिकारी ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले चलाने पड़े तथा लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं, दूसरी ओर गांववालों का आरोप है कि पुलिस ने बिना उकसावे के लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. भांगड़ के किसान स्थानीय शासमल हक उर्फ कालू की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, हालांकि पुलिस ने कालू को छोड़ दिया, लेकिन उसके बाद भी किसानों का आंदोलन थमा नहीं और मंगलवार को इसने और गंभीर रूप धारण कर लिया.

इस संबंध में ऊर्जा मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने किसी तरह की पुलिस कार्रवाई से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जवाबी कार्रवाई नहीं की, बल्कि जब गांववालों ने उन पर पत्थर और ईंट फेंके तो उनका केवल पीछा किया गया. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन का कोई कारण नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने जमीन के और अधिक मुआवजे की मांग को लेकर किसानों के विरोध के बाद परियोजना पर काम पहले ही बंद करवा दिया था.

वहीं, कुछ लोग इस घटना को सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच का संघर्ष बता रहे हैं. स्थानीय तृणमूल नेता अराबुल इसलाम व विधायक अब्दुर रज्जाक मोल्ला के बीच विधानसभा चुनाव के पहले से ही तनाव चल रहा है और इसे लेकर दोनों गुटों के नेता व समर्थक आपस में कई बार भिड़ चुके हैं. लोगों का कहना है कि दोनों गुटों में इलाका दखल को लेकर यह लड़ाई हो रही है, जिसकी वजह से आम जनता परेशान हो रही है. भांगड़ में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों की लड़ाई में इससे पहले कई हत्याएं भी हो चुकी हैं और अब यह आपसी विवाद चरम सीमा पर है.

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