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रिमांड में रहे आरोपित की फिर से कोर्ट में पेशी का मामला : जांच अधिकारी निलंबित

पानागढ़ : बीरभूम जिला कोर्ट के जिला सत्र व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी इंद्रनील चटर्जी ने पाडुई थाना पुलिस की रिमांड में रहे आरोपित अली जिन्ना को उसके घर से गिरफ्तार कर पुन: सिउड़ी जिला कोर्ट में पेश करने के मामले में जांच अधिकारी गोपाल चंद्र चंद्र को निलंबित करने का निर्देश दिया है. थानेदार कार्तिक […]

पानागढ़ : बीरभूम जिला कोर्ट के जिला सत्र व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी इंद्रनील चटर्जी ने पाडुई थाना पुलिस की रिमांड में रहे आरोपित अली जिन्ना को उसके घर से गिरफ्तार कर पुन: सिउड़ी जिला कोर्ट में पेश करने के मामले में जांच अधिकारी गोपाल चंद्र चंद्र को निलंबित करने का निर्देश दिया है.
थानेदार कार्तिक चंद्र घोष को तत्काल उनके पद से हटा कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने के बाद वह इस मामले को कलकत्ता हाइकोर्ट के समक्ष पेश करेंगे. इससे पहले, जांच अधिकारी श्री चंद्र, थानेदार श्री घोष व पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया के प्रतिनिधि के रूप में आरक्षी उपाधीक्षक (डीएडंटी) शक्ति चटर्जी कोर्ट के समक्ष पेश हुए. मां के श्रद्ध के कारण एसपी श्री राजोरिया छुट्टी पर हैं.
कोर्ट ने तीनों पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी. गौरतलब है कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सीजीएम श्री चटर्जी ने गुरुवार को जांच अधिकारी श्री चंद्र व थानेदार श्री घोष से कोर्ट में इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था. सटीक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने दोनों अधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक श्री राजोरिया को भी कोर्ट में बुलाया था. शुक्रवार को तीनों पुलिस अधिकारी कोर्ट में पेश हुए.
लोक अभियोजक ने कोर्ट को सूचित किया कि पुलिस अधीक्षक श्री राजोरिया अपनी मां की श्रद्ध के लिए तीन दिनों की छुट्टी में हैं. उनके प्रतिनिधि के रूप में डीएसपी (डीएडंटी) कोर्ट में उपस्थित हैं. सीजीएम श्री चटर्जी ने बारी-बारी से सभी तीन पुलिस अधिकारियों से जानना चाहा कि पांच दिनों की पुलिस रिमांड में लेने के बाद भी उसी आरोपित को पुन: घर से गिरफ्तार दिखा कर कैसे कोर्ट में चालान कर दिया? तीनों अधिकारी चुप्पी साधे रहे.
उनका कहना था कि उनसे गलती हो गयी. सीजीएम श्री चटर्जी ने जांच अधिकारी व थानेदार की कार्य क्षमता पर ही सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इतने अदक्ष व लापरवाह पुलिस अधिकारियों को गंभीर मामलों की जांच का दायित्व कैसे दिया जा सकता है? उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली पर काफी नाराजगी जतायी.
उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिस अधिकारियों को तत्काल जांच से अलग रखा जाना चाहिए. उन्होंने जांच अधिकारी को तत्काल निलंबित करने, थानेदार श्री घोष को तत्काल प्रभाव से थानेदार पदद से हटाने तथा उनके खिलाफ विभागीय जांच करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी रिपोर्ट वे कोलकाता हाइकोर्ट के पास भेजेंगे.
इसके पूर्व थानेदार श्री घोष ने कोर्ट से लिखित माफीनामा भी कोर्ट में पेश किया. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. कोर्ट का कहना था कि थानेदार को तथ्यों की जांच कर कोर्ट में पेश करना चाहिए था. लेकिन इस मामले में थानेदार ने बिना जांच किये ही रिपोर्ट कोर्ट में भेज दी. यह घोर लापरवाही है. पुलिस ने विधि व व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी.
अभियुक्तों में ग्रामीण पुलिसकर्मी भी
पाड़ुई थाना पुलिस ने माकड़ा में हुई राजनीतिक हिंसा के मामले में गुरुवार की रात छापामारी अभियान चलाकर छह और आरोपितों को गिरफ्तार किया. सभी को शुक्रवार की सुबह सिउड़ी जिला अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने पांच दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया. गिरफ्तार आरोपितों में ग्रामीण पुलिस कर्मी शेख असराफूल भी शामिल है. सभी आरोपित इलम बाजार और दुबराजपुर के निवासी हैं.
कोलकाता : राज्य में राजनीतिक हिंसा की हाल की घटनाओं के बीच भाजपा ने राज्यपाल केएन त्रिपाठी से आग्रह किया कि वह बीरभूम के हिंसा प्रभावित गांवों का दौरा करें. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने राजभवन में श्री त्रिपाठी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के एक प्रतिनिधि दल को वहां जाने की इजाजत नहीं दी गयी.
इसलिए राज्यपाल से अपील की गयी है कि वह राज्य के संवैधानिक मुखिया के रूप में इलाके का दौरा करें और ग्रामीणों की रक्षा करें. श्री सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वह इस पर विचार करेंगे. गुरुवार को श्री सिन्हा व भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी सहित भाजपा नेताओं को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया, जब उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर माकड़ा गांव में प्रवेश करने की कोशिश की, जहां 27 अक्तूबर को तृणमूल और भाजपा के समर्थकों के बीच संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गयी और उतने ही लोग घायल हो गये थे.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय के ज्यादातर घर तोड़ दिये और उन्हें लूट लिया. उनके टय़ूबवेल तोड़ डाले व गांवों की बिजली की आपूर्ति काट डाली. उन्होंने कहा पुलिस नहीं चाहती कि भाजपा नेताओं से लोग मिलें. 28 सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधि दल के साथ राज्यपाल से मिलने गयीं पारुई के चौमंडलपुर की नइमा बीबी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी पिटाई की और उन्हें खुले मैदान में रहने के लिए मजबूर किया, क्योंकि उनके मकान हिंसा में तबाह हो गये हैं. उनके पास पहनने के लिए कपड़े भी नहीं बचे. उन्हें दूसरे गांव से कपड़े उधार में मिले हैं. वह और उनके बच्चे तालाब का पानी पी रहे हैं.
वाम प्रतिनिधियों ने की राज्यपाल से मुलाकात : विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र के नेतृत्व में वाम नेताओं के एक प्रतिनिधि दल ने राज्यपाल से मुलाकात की. संवाददाताओं से बातचीत में श्री मिश्र ने कहा कि पाड़ुई मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए उन्होंने राज्यपाल से आवेदन किया है. मामले में जो भी दोषी हो, उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए. स्थिति से निबटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. बैठक राज्य स्तर से लेकर जिला व ब्लॉक स्तर तक होनी चाहिए.
उन्होंने मृतकों के परिजन, घायलों व अन्य पीड़ितों को मुआवजा दिये जाने की भी मांग की. श्री मिश्र का आरोप था कि तृणमूल सशस्त्र शिविर के अलावा इलाके में आरएसएस का भी सशस्त्र शिविर है.
केंद्र को ही बताऊंगा : राज्यपाल
कोलकाता. माकड़ा में हुई हिंसा के संबंध पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि इस बारे में कोई बात सिर्फ केंद्र को भी बताऊंगा. उन्होंने कहा कि यह मेरे व केंद्र के बीच का मामला है. यह मामला अभी विचाराधीन है. ऐसी स्थिति में फिलहाल कुछ भी बताना सही नहीं होगा.

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