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पंचकोसी मेला : अहिरौली से गंगा स्नान कर नदांव पहुंचे श्रद्धालु

बक्सर : पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे दिन श्रद्धालु दूसरे पड़ाव नदांव पहुंच गये. जहां नारद मुनि अपनी छोटी भूल के पश्चाताप के लिए तपस्या करने पहुंचे थे. मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम ने ताड़का वध के बाद भेंट न होने वाले ऋषियों के आश्रम पर स्वयं भ्रमण किया एवं रात्रि विश्राम किया था. नारद मुनि […]

बक्सर : पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे दिन श्रद्धालु दूसरे पड़ाव नदांव पहुंच गये. जहां नारद मुनि अपनी छोटी भूल के पश्चाताप के लिए तपस्या करने पहुंचे थे. मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम ने ताड़का वध के बाद भेंट न होने वाले ऋषियों के आश्रम पर स्वयं भ्रमण किया एवं रात्रि विश्राम किया था.

नारद मुनि के आश्रम पर भगवान राम का दूसरा पड़ाव था जहां भोजन के रूप में उन्हें खिचड़ी खिलायी गयी थी. मंगलवार को प्रथम पड़ाव अहिरौली से श्रद्धालु गंगा में स्नान कर नदांव पहुंचते हैं. नदांव में ये श्रद्धालु नारद सरोवर में स्नान कर उसकी परिक्रमा करते हैं.श्रद्धालु नारद सरोवर के पश्चिमी भीट पर बसांव मठ द्वारा लगाये गये टेंट में रात्रि विश्राम करते हैं. श्रद्धालुओं की व्यवस्था बसांव मठाधीश्वर द्वारा गठित पंचकोसी परिक्रमा सेवा समिति द्वारा किया गया था.

बसांव मठिया के अच्युतानंद प्रपन्नाचार्य जी महाराज की अगुवाई में सैकड़ों महिलाओं ने तालाब की परिक्रमा कर प्रसाद ग्रहण किया.बसांव मठ ने बांटा प्रसाद प्राचीन संस्कृति को बचाये रखने के लिए धार्मिक संस्थानों द्वारा समिति बनायी गयी है जो आस्थावानों व श्रद्धालुओं की सेवार्थ सदैव तत्पर रहते हैं. बसांव मठ द्वारा पंचकोसी यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को दूसरे पड़ाव नदांव से लेकर अंतिम पड़ाव बक्सर रामरेखा घाट तक सेवा देते हैं.

नदांव में आश्रम की तरफ से खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण कराया गया.एक क्विंटल चावल से बनी खिचड़ी बसांव मठ के दो दर्जन परिकरों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए सभी पड़ावों पर प्रसाद तैयार किया जाता है. नदांव में मठ द्वारा एक क्विंटल से ज्यादा चावल, 70 किलो दाल, एक क्विंटल से ज्यादा आलू, गोभी, टमाटर के मिश्रण से खिचड़ी रूपी प्रसाद तैयार किया गया था

जो श्रद्धालुओं को खिलाया गया.ग्रामीणों ने पिलायी चाय धार्मिक स्थलों के साथ स्थानीय ग्रामीण भी इस पंचकोसी परिक्रमा में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ग्रामीणों ने पंचकोसी श्रद्धालुओं को मुफ्त चाय की व्यवस्था की थी. चाय के लिए नदांव पंचायत के सरपंच पति मनोज कुमार दुबे द्वारा 2 क्विंटल दूध की व्यवस्था की गयी थी.

चाय पूरे दिन श्रद्धालुओं को ऋषिकेश्वर दुबे, ऋषि शर्मा, बैद्यनाथ प्रसाद, हरेराम लाल ने सेवा दी.चिकित्सा सेवा रही दुरुस्तकेनरा बैंक जासो ब्रांच द्वारा नदांव में मुफ्त चिकित्सा सेवा की व्यवस्था थी. बैंक द्वारा चिकित्सा सेवा की कीट एवं ग्लोबल विश्वामित्र के कर्मी मनोज कुमार सिंह द्वारा नदांव मेला में मुफ्त चिकित्सा सेवा दी गयी. जिसमें कई स्थानीय कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवा दी.

संजय कुमार सिंह, कमलेश श्रीवास्तव, उमाशंकर प्रसाद तथा कामता राम और कृष्णा कुमार का चिकित्सा सेवा में सहयोग रहा.अस्थायी व्यवसाय से जुड़ते हैं सैकड़ों लोग पंच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा सैकड़ों लोगों को अस्थायी व्यवसाय को बढ़ावा दिया है. नये रोजगार का सृजन होता है. इस मेले में शामिल होने के लिए न केवल जिले के व्यवसायी बल्कि झारखंड के साहेबगंज से भी आये हैं.

रोहतास के बरांव से जितेंद्र कुमार, शिवशंकर एवं रवींद्र कुमार ने बताया कि हम लोग प्रतिवर्ष इस मेले में प्रसाद बेचने आते हैं. हम दुकानदारों के लिए प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की जाती है. वहीं, झारखंड के साहेबगंज से आये व खिलौना बेचने वाला अजय कुमार ने कहा कि हम लोग एक दर्जन से ज्यादा लोग आये हैं

जो केवल अपने हाथों से बनाये खिलौने व कुछ प्लास्टिक के खिलौने लाते हैं. हम लोग बिहिया आये थे तो पता चला कि पांच दिन के लिए बक्सर में मेला लगा है तो बक्सर आ गये. बहुत अच्छा लगा रहा है हम लोग प्रतिवर्ष यहां आयेंगे.सात बार परिक्रमा करते हैं श्रद्धालु विगत चार साल से पंचकोसी की परिक्रमा करती आ रही श्रद्धालु अतवारो देवी जज बाजार बिहिया से आयी है.

अतवारो देवी ने कहा कि हम आपन बहू के साथ एह मेला में आइल बानी. चार साल से पंचकोसी परिक्रमा कर तानी. सात बार परिक्रमा करके बंद कर देहब. सास श्वसुर परलोक पधार गइलन जा. अब हमरे सब करे के बाद.नारद मुनि ने नदांव में पायी थी मुक्ति राम कथा वाचक डॉ रामनाथ ओझा कहते हैं कि पंचकोसी परिक्रमा के दूसरा पड़ाव नदांव स्थित नारद सरोवर है. जिसका श्रद्धालुओं द्वारा परिक्रमा किया जाता है. इससे श्रद्धालुओं की छोटी-छोटी भूलों से मुक्ति मिल जाती है.

यहां नारद मुनि जी का आश्रम था. नारद जी एक छोटी सी भूल के कारण बंदर बन गये.शास्त्रों के अनुसार नारद जी विश्व मोहनी के सौंदर्य के चक्कर में पड़ गये थे. दूसरी बार हिमालय में तपस्या के दौरान एक सुंदरी के चक्कर में फंस कर उनकी तपस्या भंग हो गयी थी. उस समय उनको बानर मुख का श्राप मिल गया.

इस श्राप से मुक्त होने के लिए नारद जी को बक्सर की धरती पर तपस्या करनी पड़ी. जो वर्तमान में नदांव के नाम से प्रसिद्ध है. यहां तपस्या के बाद नारद को श्राप से मुक्ति मिली थी. भगवान श्रीराम ताड़का की हत्या के बाद किसी कारण से न मिल पाने वाले ऋषियों से मिलने उनके आश्रम का भ्रमण किया. नदांव नारद ऋषि का दूसरा पड़ाव था. जहां राम को खिचड़ी खिलाया गया था.

उसी परंपरा को मानते हुए न केवल नदांव में बल्कि आसपास के गांवों में दिन में कढ़ी चावल व रातों को खिचड़ी खाया जाता है. तभी से यह प्राचीन परंपरा कायम है. बैंकों की सुरक्षा भगवान भरोसेबैंक ऑफ इंडिया के मेन ब्रांच में सिर्फ एक गार्डसाल भर से बंद है पुलिस की गश्तीप्रबंधक ने जतायी चिंता, थानाध्यक्ष ने कहा बढ़ेगी सुरक्षा बक्सर. बैंक में लूट की घटना बढ़ गयी है.

इसे लेकर विभिन्न बैंक के अधिकारी बैंक की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. 30 नवंबर को वैशाली जिले के हाजीपुर के केनरा बैंक में अपराधियों ने धावा बोल कर लूट की घटना को अंजाम दिया. इस घटना के बाद जिले के तमाम बैंकों में सुरक्षा को लेकर गतिविधि तेज हो गयी है. लेकिन पुलिस प्रशासन इस संबंध में अब तक सुस्त पड़ा है.

इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नगर के मेन रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा में विगत एक साल से लोकल पुलिस की गश्ती बंद है.

इस संबंध में शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार मिश्रा नगर थाना को सूचना दी है. लेकिन अब तक पुलिस की गश्ती नहीं हो रही है. प्रबंधक दिलीप मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में बैंक की सुरक्षा सिर्फ एक बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी के सहारे है. पहले दो बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी की तैनाती थी. लेकिन पिछले कई माह से एक सुरक्षाकर्मी की मार बैंक झेल रहा है. थाना प्रभारी राघव दयाल ने बैंकों में पुलिस की गश्ती बढ़ाने की बात कही.

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