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Thursday, March 28, 2024

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जानिए, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के क्या हैं कारण?

मुंबई : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है. शेयर बाजार के साथ रुपये में गिरावट के बाद बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या बाजार का मोदी मैजिक खत्म हो गया है और भारतीय बाजार पूरी तरह से विश्व बाजार के प्रभाव में आ […]

मुंबई : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है. शेयर बाजार के साथ रुपये में गिरावट के बाद बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या बाजार का मोदी मैजिक खत्म हो गया है और भारतीय बाजार पूरी तरह से विश्व बाजार के प्रभाव में आ गया है. विेषकों का मानना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये अगले कुछ दिनों में 65 से 66 रुपये के स्तर पर आ सकता है. बहरहाल, आइए जानें रुपये में गिरावट के क्या हैं पांच बड़े कारण :
1. कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है. मंगलवार को इसकी कीमतें पहली बारी जुलाई 2009 के स्तर पर चली गयी. कच्चे तेल की गिरती कीमतों के कारण आयातकों में भारी डॉलर मांग है. इस कारण रुपये में कमजोरी आ रही है. तेल की कीमतें गिरने के कारण तेल आयातक कंपनियों के बीच डॉलर मांग बढ़ जाती है, जिससे उसकी कीमतें बढ़ने लगी और रुपये की कीमत नीचे जाने लगी.
2. मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने इस साल के 17 अक्तूबर के बाद पहली बार भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली की. विदेशी निवेशकों अकेले मंगलवार को 196.56 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1247. 24 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे भारतीय बाजार कमजोर हुआ और रुपये की कीमत प्रभावित हुई. पिछले छह कारोबारी सत्र में अबतक विदेशी निवेशकों ने 3328 करोड़ रुपये के शेयर भारतीय शेयर बाजार में बेच दिये हैं.
3. नवंबर महीने में भारत का चालू खाता घाटा 18 महीने में पहली बार उच्च स्तर पर पहुंच गया. इस कारण भी बाजार की चिंताएं बढ़ गयी और रुपये की कीमत प्रभावित हुई. यह मार्च 2013 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के बाद अबतक सर्वाधिक है. भारत का चालू खाता घाटा 16.86 अरब डॉलर हो गया है.
4. रूस का आर्थिक संकट भी विश्व के बाजारों को प्रभावित कर रहा है. मॉस्को में ब्याज दरों को 10.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 17 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे वहां की स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट आयी है. इसका असर दुनिया के सभी अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहा है. इसके कारण भी रुपये की कीमत में गिरावट आयी है.
5. मंगलवार से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक शुरू हो गयी है. दुनिया भर की अर्थव्यवस्था की नजरें इसके फैसलों को लेकर टिक गयी हैं. इस कारण निवेशक चौकóो हो गये हैं. अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों में वृद्ध किये जाने की आशंका के कारण भी डॉलर की ओर रुझान बढ़ा है.
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