नयी दिल्ली : भारत सरकार ब्रेग्जिट यानी ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के दुष्परिणामों के नतीजों से जूझने के लिए पहले से तैयार था. ब्रेग्जिट के संकट से निबटने के लिए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास का सरकार ने चीन दौरा कल अंतिम समय में रद्द कर दिया था, ताकि वे यहां हालात पर सीधी निगाह रख कर भारतीय अर्थव्यवस्था को गिरावट से बचाने के उपाय ढूंढ सकें. आज सुबह ब्रेग्जिट के पक्ष में वोटों की बढ़त आने के साथ दास ने मीडिया से कहा कि इस हालात में हमें चुनौतियों व संभावनाओं को ढूंढना होगा. उधर, चीन के दौरे पर गये वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बाजार की गिरावट को थामने वहां से बयान दिया कि हम ब्रिटेन के फैसले का सम्मान करते हैं, हम आने वाले दिनों व मध्यम समय में इससे पड़ने वाले असर को लेकर सावधान हैं.
#WATCH: "India has enough fire power to deal with situation" says Economic Affairs Secy after UK votes to leave EUhttps://t.co/FfylqeMKGY
— ANI (@ANI) June 24, 2016
वित्त सचिव अशोक लवासा ने बयान दिया कि ब्रेग्जिट के कारण अस्थिरता को रोकने के लिए सरकार व आरबीआइ उपायों के साथ तैयार है. उधर, बैंकिंग सचिव अंजुली दुग्गल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ब्रेग्जिट से भारत पर कोई मध्यकालिक या दीर्घकालिक असर होगा.
वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि रुपये में नरमी अन्य एशियाई मुद्राओं के अनुरूप है. सरकार व आबीआइ ने स्थिति से निबटने के लिए हर संभावना पर चर्चा की है.
वित्त मंत्रालय ने भी अपने बयान में कहा कि सरकार, आरबीआइ व अन्य रेगुलेटर स्थिति से निबटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है आैर इससे निबटने के लिए एक साथ गहनता से काम कर रहीं हैं, ताकि शार्टटर्म के उतार-चढ़ाव से निबटा जा सके.
वित्त मंत्री उनके मंत्रालय और आर्थिक मामलों से जुड़े प्रमुख सचिवों के लगातार बयान आने से बाजार का मूड थोड़ा ठीक हुआ. सेंसेक्स आैर निफ्टी में आ रही तेज गिरावट की रफ्तार कमी. हालांकि सेंसेक्स साढ़े ग्यारह बजे तक 1013 अंक की गिरावट के साथ 25988 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 318 अंक की गिरावट के साथ 7951 अंक पर पहुंच गया.