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Friday, March 29, 2024

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सीईओ फोरम की बैठक : ओबामा ने कहा, अमेरिकी कंपनियां भारत में नियमन को तैयार

नयी दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में नियामकीय और कर परिवेश में ‘निरंतरता’ और ‘सरलता’ की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुडे मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया. ओबामा ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की […]

नयी दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में नियामकीय और कर परिवेश में ‘निरंतरता’ और ‘सरलता’ की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुडे मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया. ओबामा ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि भारत में ढांचागत क्षेत्र में सुधार की काफी गुंजाइश है. इसके अलावा सडक नेटवर्क और ब्राडबैंड कनेक्टिविटी का विस्तार होने से देश में व्यावसायिक गतिविधियों को तेजी से बढने में मदद मिलेगी.

ओबामा ने यहां चुनींदा सीईओ को संबोधित करते हुये कहा, ‘अमेरिकी कंपनियां भारत में नियमन और कर परिवेश में निरंतरता, स्पष्टता और सरलता लाने में काफी रूचि रखती हैं. यदि ऐसा होता है तो मेरा मानना है कि इससे भारत में व्यावसायिक गतिविधियों में काफी वृद्धि होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने जिन कई सुधारों की दिशा में पहल की है यह उन्हीं के अनुरुप है.’ ओबामा ने कहा कि मोदी ने तीव्र वृद्धि और निवेश के लिये भारत की नयी रचना करने के वास्ते नयी ऊर्जा और जोश पैदा कर दिया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी कंपनियां भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे मुद्दों को लेकर काफी चिंतित हैं, क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था तेजी से एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रभावी बौद्धिक संपदा सुरक्षा कानून नहीं होने से कारोबार प्रभावित हो रहा है. ओबामा ने अमेरिका की फिल्म प्राडक्शन कंपनी डिजनी के बॉलिवुड में निवेश का भी जिक्र किया और इसे उत्साहवर्धक बताया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में कहा कि वह खुद बडी परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखेंगे और कहा कि किसी भी मुद्दे के समाधान के लिये वह उपलब्ध होंगे.

उन्होंने फोरम में आये उद्योगपतियों से कहा, ‘मैं हमेशा उपलब्ध हूं, मैं आपकी बात सुनूंगा.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक अच्छा सुझाव आया है कि बडी परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर नजर रखी जाये. मैं इस सुझाव से सहमत हूं. मैं बडी परियोजनाओं पर नजर रखने की जिम्मेदारी लेता हूं. मैं उनपर खुद नजर रखूंगा.’ मोदी ने कहा कि वह राज्यों को भी साथ लेकर चलेंगे और उन्होंने भारत के संघीय ढांचे के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा, ‘राज्यों के बीच भिन्नता की संभावना कम है. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच नजदीकी होगी और छोटी मोटी टकरावों का समाधान कर लिया जायेगा.’

मोदी ने आईपीआर मुद्दे को काफी अहम बताया और कहा कि दुनिया भर में लोगों को इसका समाधान निकालना चाहिये. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढाने के लिये एक संयुक्त कार्यसमूह बनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र में काफी संभावनायें हैं. कृषि क्षेत्र के बारे में मोदी ने कहा हर बूंद ज्यादा फसल.’ उन्होंने कहा कि इस तरह की नीति को अपनाने से जलवायु परिवर्तन से जुडे मुद्दों का भी समाधान होगा और कृषि उपज बढाने में भी मदद मिलेगी. ओबामा ने ढांचागत परियोजनाओं के मुद्दे पर कहा कि भारत में इन परियोजनाओं में निवेश के लिये वित्त संसाधन जुटाने और ढांचागत क्षेत्र में सुधार लाने में काफी रूचि है.

उन्होंने भारतीय सीईओ से कहा कि जो भी मुद्दे उन्होंने उठाये हैं, उनका (ओबामा का) प्रशासन हर मुद्दे पर लगातार गौर करेगा. ओबामा ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में हमारा व्यापार करीब 60 प्रतिशत बढा है जो कि रिकार्ड 100 अरब डालर के करीब है. अमेरिका को भारत को निर्यात 35 प्रतिशत बढ गया और भारत से निर्यात भी बढा है.’

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