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Thursday, March 28, 2024

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बैंक हडताल : जनता परेशान, एटीएम के चक्कर में भटक रहे हैं लोग

नयी दिल्ली : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इसकी पूरी तैयारी कल ही कर ली गई थी. हड़ताल के कारण बैंकों में ताला तो लटका ही रहा है, साथ में एटीएम भी बंद हैं. यूनियन की ओर से विभिन्न […]

नयी दिल्ली : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इसकी पूरी तैयारी कल ही कर ली गई थी. हड़ताल के कारण बैंकों में ताला तो लटका ही रहा है, साथ में एटीएम भी बंद हैं. यूनियन की ओर से विभिन्न जगहों पर बैंक शाखाओं के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है. बैंक और एटीएम बंद रहने से करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित है. बैंको में हड़ताल के संबंध में जिन्हें जानकारी नहीं थी वे परेशान हैं और जिन्हें पैंसों की जरुरत है वे एक एटीएम से दूसरे एटीएम भटक रहे हैं.

देश भर के बैंकों की करीब 80,000 शाखाओं की सेवाएं प्रभावित हैं क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी आज एसबीआई के अनुषंगियों के मूल कंपनी में प्रस्तावित विलय और अन्य मामलों के विरोध में एक दिन की हडताल पर हैं. आईसीआईसीआई बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक आम दिनों की तरह काम कर रहे हैं. एसबीआई समेत सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को हडताल होने की स्थिति में होने वाली असुविधाओं के बारे में बताया था.

नौ बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों के संघों के बैंकों के शीर्ष संगठन बैंक संघों का संयुक्त मंच (यूएफबीयू) ने हडताल करने का फैसला किया जिससे चेक निपटान, नकदी जमा और शाखाओं तथा अन्य इकाइयों से निकासी जैसी सुविधाएं प्रभावित रहीं. यूएफबीयू आठ लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है. एसबीआई ने एक बयान में कहा था, ‘‘आल इंडिया स्टेट बैंक आफीसर्स फेडरेशन और आल इंडिया स्टेट बैंक आफ इंडिया स्टाफ फेडरेशन यूएफबीयू के सदस्य हैं. इस तरह संभव है कि बैंक भी कुछ हद तक कथित हडताल से प्रभावित रहेगा.” आल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम के मुताबिक सभी सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में सामान्य परिचालन प्रभावित है.

मुख्य श्रमायुक्त के साथ 26 जुलाई को हुई बैठक का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि सरकार यदि यूएफबीयू की मांग पर विचार करने और इसके समाधान पर विचार करना चाहती है तो वह हडताल के आह्वान पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘कर्मचारी संगठन अर्थपूर्ण चर्चा के लिए तैयार थे लेकिन सरकार ने सिर्फ बैंकिंग सुधार पर अपने मौजूदा नीतिगत फैसले को उचित ठहराने की कोशिश की. इसलिए कोई बात नहीं बन पाई.”

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