30.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

कंपाउंडर के भरोसे थे मरीज, दो की मौत

पटना: बुधवार की देर रात सड़क दुर्घटना में घायल होकर पीएमसीएच इमरजेंसी पहुंचे दो भाइयों की उचित इलाज के अभाव में मौत हो गयी. रिश्ते में ममेरे-फुफेरे दोनों जख्मी भाइयों को जिस समय इमरजेंसी में लाया गया, उस समय वहां एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं था. इससे नाराज परिजनों ने गुरुवार की दोपहर […]

पटना: बुधवार की देर रात सड़क दुर्घटना में घायल होकर पीएमसीएच इमरजेंसी पहुंचे दो भाइयों की उचित इलाज के अभाव में मौत हो गयी. रिश्ते में ममेरे-फुफेरे दोनों जख्मी भाइयों को जिस समय इमरजेंसी में लाया गया, उस समय वहां एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं था. इससे नाराज परिजनों ने गुरुवार की दोपहर मृत युवकों के शव को इमरजेंसी गेट पर रख कर प्रदर्शन किया. इससे तीन घंटे इमरजेंसी का काम बाधित रहा. पीएमसीएच का हाल यह तक है जब खुद स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश िदया था िक इमरजेंसी में डॉक्टरों की ड्यूटी 24 घंटे हो. वहीं, घटना की गंभीरता को देखते हुए प्राचार्य ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट तलब की है. सभी डॉक्टरों को रोस्टर के मुताबिक स्पष्टीकरण देना होगा.
ऐसे चला घटनाक्रम रात में विक्की, सुबह संजय की मौत
जानकारी के मुताबिक आपस में ममेरे भाई संजय कुमार व विक्की कुमार किसी शादी समारोह में भाग लेकर बाइक से घर लौट रहे थे. इसी दौरान वे दोनाें दुर्घटना के शिकार हो गये. हादसा कैसे हुआ, यह कोई नहीं बता पा रहा है. संजय गुरहट्टा, जबकि विक्की रामकृष्णा नगर इलाके के रहनेवाले हैं. घायल स्थिति में उनको रात करीब डेढ़ बजे इमरजेंसी में भरती कराया गया, जिसके बीस मिनट बाद विक्की, जबकि सुबह संजय की मौत हो गयी.
इमरजेंसी में मौजूद नहीं थे कोई डॉक्टर
परिजनों के मुताबिक, इमरजेंसी में सुबह में एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. रात के शिफ्ट में भी महज जूनियर डॉक्टर थे, जो सात बजे शिफ्ट बदलने के पहले ही निकल गये और पूरी इमरजेंसी अचानक से खाली हो गयी. इसी दौरान गंभीर संजय की हालत खराब होने लगी और परिजन जब डॉक्टर खोजने लगे, तो उसे कंपाउंडर मिला और उसने कहा कि इमरजेंसी में अभी कोई डॉक्टर नहीं है. इतने में मरीज की मौत हो गयी.
इमरजेंसी में तीन घंटे तक नहीं हुआ काम
मरीज की मौत के बाद सुबह सात से दस बजे तक इमरजेंसी पूरी तरह से ठप रही. परिजन दोनों शवों को गेट पर रख कर हंगामा करते रहे. डॉक्टरों को इमरजेंसी में नहीं जाने दिया. जो मरीज व डॉक्टर इमरजेंसी में अंदर थे, वे अंदर ही रह गये और तीन घंटे तक कोई नया मरीज भरती नहीं हो पाया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस व अस्पताल प्रशासन ने मामला शांत कराया.
रात में सीनियर डॉक्टर नहीं, सुबह कंट्रोल रूम में डॉक्टर नहीं
जब दोनों युवकों को इमरजेंसी में भरती कराया गया था, तो उनकी हालत गंभीर थी. उनके सिर के दोनों भागों में काफी इंटर्नल ब्लीडिंग हो चुकी थी. बावजूद इसके उन्हें देखने के लिए कोई सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं थे. इस कारण से दोनों को इलाज पीजी डॉक्टरों ने किया. एक युवक की तो तुरंत ही मौत हो गयी, जबकि दूसरे को रात भर ऑक्सीजन पर रखा गया. सुबह में अचानक से उसकी तबीयत खराब होने लगी, लेकिन कंट्रोल रूम से लेकर इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. बाद में दूसरे युवक की भी मौत हो गयी.
डॉक्टरों को लगी फटकार
हंगामा की सूचना मिलने पर प्राचार्य, अधीक्षक व इमरजेंसी इंचार्ज तुरंत पहुंचे, लेकिन हंगामा को देख वह सभी कंट्रोल रूम के सामने बने चैंबर में जाकर बैठ गये. पुलिस को कॉल करने के बाद भी जब समय पर पुलिस नहीं पहुंची, तो डॉक्टरों को डर हो गया कि इमरजेंसी में कहीं भीड़ न आ जाये. जब पुलिस पहुंची, तो प्राचार्य भी हंगामा करनेवाले को समझाने भीड़ में पहुंचे. इसी बीच कुछ सीनियर डॉक्टर भी दिख गये और प्राचार्य ने सभी को फटकार लगानी शुरू कर दी.
दुखद है घटना
यह घटना दुखद है. इसकी पूरी छानबीन होगी और एक टीम 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट देगी. अगर गलती डॉक्टरों की होगी, तो उनके ऊपर कार्रवाई होगी. इमरजेंसी में लगे कैमरे का फुटेज भी निकाला जायेगा.
– डॉ एसएन सिन्हा, पीएमसी प्राचार्य
72 घंटे में ही भूल गये मंत्री के निर्देश
पटना. स्वास्थ्यमंत्री तेज प्रताप यादव ने तीन दिन पहले ही 24 नवंबर को प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा सहित सभी पदाधिकारियों को टॉस्क दिया था. इसमें सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी को 24 घंटे दवा व डॉक्टर के साथ जिंदा रखने का निर्देश दिया था. साथ ही अस्पताल की इमरजेंसी में राउंड द क्लॉक हमेशा डॉक्टर ड्यूटी पर तैनात रहने के निर्देश दिये थे, ताकि गंभीर रोगियों का इलाज सरलतापूर्वक बिना किसी के पैरवी के हो. प्रधान सचिव को निर्देश देते हुए श्री यादव ने प्रधान सचिव से साफ शब्दों में कहा है कि इसे आप जल्द-से-जल्द कराये. वरना हम जब किसी दिन निरीक्षण करेंगे, तो हम डॉक्टरों की ड्यूटी से लेकर हर उन सुविधा को बारीकी से देखेंगे, जो मरीजों के इलाज में जरूरी है और कमी पाये जाने पर उनसे संबंधित डॉक्टर व अधिकारी से जवाब मागेंगे और कार्रवाई करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें