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88 फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों पर एफआइआर
निगरानी की कार्रवाई पटना : फर्जी डिग्री पर कार्यरत नियोजित शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए हाइकोर्ट की तरफ से दी गयी मोहलत 29 जुलाई को समाप्त हो गयी है. अब तक सिर्फ 1659 फर्जी डिग्रीवाले शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. अब भी बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रीवाले शिक्षक के कार्यरत होने की आशंका है. […]
निगरानी की कार्रवाई
पटना : फर्जी डिग्री पर कार्यरत नियोजित शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए हाइकोर्ट की तरफ से दी गयी मोहलत 29 जुलाई को समाप्त हो गयी है. अब तक सिर्फ 1659 फर्जी डिग्रीवाले शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. अब भी बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रीवाले शिक्षक के कार्यरत होने की आशंका है. जांच में अब तक ऐसे 88 शिक्षक सामने आ चुके हैं.
निगरानी विभाग ने इन 88 शिक्षकों के खिलाफ 19 एफआइआर अलग-अलग जिलों में दर्ज करवायी है. जिन जिलों में एफआइआर दर्ज हुई है, उनमें बांका में चार, में (दो), पटना में (एक), मुजफ्फरपुर में (दो), जहानाबाद में (एक), अररिया में (दो), मुंगेर में (एक), पूर्णिया में (एक), भोजपुर में (एक) के अलावा कुछ अन्य जिले शामिल हैं.
निगरानी विभाग फिलहाल उच्चतर माध्यमिक (+2) स्कूलों में नियुक्त करीब 11 हजार नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच कर रहा है. राज्य के बाहर मौजूद बीएड या एमएड ट्रेनिंग कॉलेजों के सर्टिफिकेटों की जांच करने में काफी समय लग रहा है. निगरानी को इसमें काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इनमें कई ट्रेनिंग कॉलेज ऐसे भी हैं, जिनकी मान्यता बिहार में नहीं है. कई शिक्षकों ने दूसरे राज्यों में मौजूद फर्जी ट्रेनिंग कॉलेजों के नाम भी सर्टिफिकेट बनवा लिया है.
जांच में सहूलियत के लिए निगरानी ब्यूरो ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीइ) के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय को पत्र लिखा है. निगरानी ने एनसीटीइ से सभी मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग संस्थानों की सूची मांगी है, ताकि इसके आधार पर वेरीफिकेशन करने में सुविधा हो. यह माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा बीएड या एमएड की डिग्री में ही हुआ है. इनकी जांच के बाद बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों के नाम सामने आने की संभावना है. इसके बाद एफआइआर की संख्या काफी बढ़ सकती है.
तीन के बाद कार्रवाई
फर्जी सर्टिफिकेटवाले नियोजित शिक्षकों पर तीन अगस्त के बाद कार्रवाई शुरू होगी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. तीन अगस्त को विभाग ने निगरानी को सहयोग कर रहे सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की बैठक बुलायी है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दे दिया है.
शिक्षा विभाग ने 16 से 29 जुलाई तक इस्तीफा देने वाले शिक्षकों का आंकड़ा लाने का भी निर्देश दिया है. इसी बैठक में अंतिम रूप से कितने शिक्षकों ने इस्तीफा दिया, इसका आंकड़ा आ सकेगा. बैठक में ही आगे की रणनीति भी तैयार की जायेगी.
अब तक नियोजन इकाइयों से प्लस टू स्कूलों में बहाल शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. अब माध्यमिक और उसके बाद प्रारंभिक स्कूलों में बहाल नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच के लिए एक डेडलाइन तय की जा सकती है.
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