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जनता परिवार : महाविलय पर नहीं बढ़ी बात, आज हो सकती है फिर बैठक

नयी दिल्ली : राजद-जदयू समेत जनता परिवार के छह दलों के महाविलय पर बात आगे नहीं बढ़ पायी है. शुक्रवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आवास पर जनता परिवार की बैठक थी.लेकिन, आंख का ऑपरेशन होने के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में नहीं पहुंचे, जिसके कारण कोई निर्णय नहीं हो सका. हालांकि, […]

नयी दिल्ली : राजद-जदयू समेत जनता परिवार के छह दलों के महाविलय पर बात आगे नहीं बढ़ पायी है. शुक्रवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आवास पर जनता परिवार की बैठक थी.लेकिन, आंख का ऑपरेशन होने के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में नहीं पहुंचे, जिसके कारण कोई निर्णय नहीं हो सका. हालांकि, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और जदयू के राष्ट्रीय शरद यादव ने मुलायम सिंह से मुलाकात की. माना जा रहा है कि शनिवार को नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और मुलायम सिंह के बीच बैठक हो सकती है.

मुलायम से मुलाकात के बाद लालू प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जनता परिवार के विलय पर बातचीत चल रही है.नीतीश कुमार आंख में परेशानी के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाये. जदयू और राजद बिहार में भाजपा को सत्ता में नहीं आने देंगे. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने भी कहा कि आंख के ऑपरेशन के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में शामिल नहीं हो पाये. अभी वे डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन में हैं. डॉक्टरों ने उन्हें आंख नहीं खोलने की सलाह दी है. एक-दो दिनों में ठीक हो जाने के बाद वे भी बैठक में शामिल होंगे.

वैसे सूत्रों के मुताबिक जदयू और राजद के बीच सीटों के तालमेल पर पेच फंसा है. चुनाव चिह्न् और झंडे पर किसी को एतराज नहीं है. लेकिन, जदयू के नेता चाहते हैं कि सीटों का बंटवारा और नीतीश कुमार को नेता के रूप में घोषणा की जाये, जबकि राजद की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व ऐसी घोषणा से बचने की बात कही जा रही है. इसीलिए इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वहीं, मुलायम सिंह की ओर से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को आमने-सामने बैठा कर उचित रास्ता निकालने की बात बतायी जा रही है. नीतीश कुमार नहीं आने के कारण बैठक में महाविलय, गंठबंधन या सीटों के तालमेल पर किसी तरह की बात नहीं हो सकी.

बिहार में भाजपा क्यों कर रही जातिगत रैलियां
नयी दिल्ली : लालू प्रसाद ने दिनकर की कुछ कृतियों के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जात-पात से ऊपर उठने की बात कह रहे हैं, जबकि भाजपा बिहार में सभी जातियों की रैलियां कर रही है. उन्होंने कहा कि दिनकर राष्ट्रकवि थे और उन्होंने देश को दिशा दी थी.
उन्हें किसी जाति के बंधन में बांधना उचित नहीं है. भाजपा जाति की राजनीति कर चुनाव जीतना चाहती है. पर बिहार के लोग अब उनके झांसे में नहीं आनेवाले हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि हमलोग बिहार के लिए विशेष दज्रे की मांग कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव के दौरान युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन आज पूरे देश के युवा बेरोजगारी से पेरशान हैं.
गंठबंधन या अकेले, नेतृत्व जल्द ले फैसला
पटना : प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से आग्रह किया है कि वह शीघ्र ही बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद के साथ तालमेल या अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करे.
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में शुक्रवार को हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में इस आशय का राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजित करने के लिए प्रदेश के दूसरे गैर भाजपा दलों से कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने का अनुरोध किया गया. बिहार प्रभारी सीपी जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में माना गया कि पार्टी अभी अकेले चुनाव मैदान में जाने या गैर भाजपा दलों के साथ तालमेल करने के द्वंद्व में फंसी है. कुछ लोग तालमेल के पक्ष में हैं, तो कुछ की राय है कि पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरे. बैठक में आर्थिक प्रस्ताव भी पारित किया गया. बैठक में कांग्रेस भी मांझी फैक्टर से बच नहीं सकी.
पार्टी नेता और पूर्व विधायक अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 10 सालों तक कांग्रेस के विधायक रहे हैं और मंत्री भी हुए. पार्टी को इस फैक्टर को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. हालांकि, अवधेश सिंह के सुझाव पर कांग्रेस ने कोई तवज्जों नहीं मिली. वहीं, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल पर कांग्रेस को कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए, साथ ही कार्ययोजना तैयार कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए.
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी, सचिव बिहार प्रभारी केएल शर्मा एवं परेश धनानी, राष्ट्रीय सचिव शकील अहमद खान सांसद एवं प्रवक्ता राज बब्बर के अलावा विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता डॉ मदन मोहन झा, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री केके तिवारी, पूर्व मंत्री उमा पांडेय, विश्वमोहन शर्मा, कृपानाथ पाठक एवं श्याम सुंदर सिंह धीरज, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, चंदन बागची के अलावा बड़ी संख्या में कार्यसमिति के सदस्यं एवं विशेष आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे. प्रवक्ता एचके वर्मा ने बताया कि बैठक में राजनैतिक, आर्थिक, संगठनात्मक एवं शोक प्रस्ताव पेश किये गये.

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