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सिपाही बहाली: नाम-पता बदल नौकरी पाने का मंसूबा नहीं होगा पूरा, आठ हजार आवेदन होंगे रद्द

पटना: बिहार पुलिस में सिपाहियों की नियुक्ति में करीब आठ हजार ऐसे अभ्यर्थी चिह्न्ति किये गये हैं, जिन्होंने नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन की शर्तो का बड़े ही शातिराना अंदाज में उल्लंघन किया है. राज्य में 11,783 सिपाहियों की नियुक्ति के लिए केंद्रीय चयन बोर्ड (सिपाही भर्ती) ने विगत 19 अक्तूबर को राज्य के कुल […]

पटना: बिहार पुलिस में सिपाहियों की नियुक्ति में करीब आठ हजार ऐसे अभ्यर्थी चिह्न्ति किये गये हैं, जिन्होंने नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन की शर्तो का बड़े ही शातिराना अंदाज में उल्लंघन किया है.

राज्य में 11,783 सिपाहियों की नियुक्ति के लिए केंद्रीय चयन बोर्ड (सिपाही भर्ती) ने विगत 19 अक्तूबर को राज्य के कुल 37 जिलों में लिखित परीक्षा का आयोजन किया था. इसके लिए निकाले गये विज्ञापन में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि सिपाही नियुक्ति के लिए एक अभ्यर्थी एक ही स्थान से आवेदन कर सकता है. अगर किसी अभ्यर्थी का आवेदन एक से अधिक जिले से प्राप्त होता है, तो उसे रद्द कर दिया जायेगा. लिखित परीक्षा का परिणाम अगले साल फरवरी के अंत में या फिर मार्च के प्रथम सप्ताह में जारी होने की संभावना है.

केंद्रीय चयन बोर्ड (सिपाही भर्ती) के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब लिखित परीक्षा के बाद आवेदनों की फिर से स्क्रूटनी की गयी, तब पाया गया कि करीब आठ हजार अभ्यर्थियों ने एक से अधिक आवेदन जमा किये थे. ऐसे अभ्यर्थियों ने अपने आवेदन में पिता का नाम और स्थायी पते में फेरबदल किया है. उदाहरण के लिए किसी के पिता का नाम विश्वनाथ चौधरी है, तो उसने एक आवेदन में अपने पिता का नाम विश्वनाथ चौधरी लिखा है, तो दूसरे आवेदन में पिता के नाम की जगह बीएन चौधरी लिखा है. इतना ही नहीं, कई आवेदकों ने तो अपने पिता का नाम तथा जन्म तिथि तो सही लिखी है लेकिन स्थायी पते में फेरबदल कर बोर्ड को गुमराह करने की कोशिश की है.

अब बोर्ड ऐसे अभ्यर्थियों के भविष्य पर जल्द ही फैसला लेने की तैयारी कर रहा है कि उनके आवेदन को स्वीकार किया जाये या उसे भी रद्द कर दिया जाये. सूत्रों ने बताया कि एक से अधिक आवेदन भरने से रोकने के लिए ही सिपाही नियुक्ति के लिए राज्य भर में एक ही दिन लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें राज्य भर से करीब आठ लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था.

सॉफ्टवेयर ने पकड़ी गलती

लेकिन बोर्ड ने इस बार एक ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है, जिसमें एक नाम और एक ही जन्म तिथि के सभी आवेदनों की पहचान आसानी से की जा सकती है. बोर्ड से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान कुछ अभ्यर्थियों के एक से आवेदन बोर्ड को मिले हैं, लेकिन उनके दोनों आवेदनों में किसी तरह का अंतर नहीं पाया गया है. बोर्ड ने कुछ अभ्यर्थियों को बुला कर इस संबंध में पूछताछ भी की है. इनमें कई अभ्यर्थियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने आवेदन की शर्तो को ठीक से पढ़ा या समझा नहीं था और इसी कारण उनसे यह भूल हुई है.

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