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विकास के लिए विशेष दर्जा जरूरी : नीतीश

पूर्व मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य के दज्रे को जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि बिहार के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है. राज्य का विकास केंद्र की नीतियों पर निर्भर करता है. केंद्र सरकार की भाड़ा समानीकरण की नीति का खामियाजा […]

पूर्व मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य के दज्रे को जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि बिहार के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है. राज्य का विकास केंद्र की नीतियों पर निर्भर करता है. केंद्र सरकार की भाड़ा समानीकरण की नीति का खामियाजा बिहार जैसे राज्यों को उठाना पड़ा है. इस नीति से जिन क्षेत्रों में खनिज उपलब्ध है, वहां के बजाय दूसरे क्षेत्रों का विकास हुआ. वह मंगलवार को दिल्ली में आयोजित श्रीकृष्ण सिंह के जयंती समारोह को संबोधित कर करे थे.

नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक सौहार्द-अमन बनाने के लिए हमें बिहार केसरी बाबू श्रीकृष्ण सिंह के आदर्शो पर चलने की जरूरत है. वह न केवल प्रेरणा पुरुष व अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि आधुनिक बिहार के निर्माता भी थे. उन्होंने कहा कि बिहार को अपना हक हासिल करने के लिए निरंतर संघर्ष करना होगा.

देश की आबादी में बिहार की हिस्सेदारी आठ फीसदी है, जबकि जीडीपी में हिस्सेदारी महज 2.9 फीसदी है. इसे बढ़ाये बिना राज्य का विकास संभव नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि श्रीकृष्ण बाबू ने बिहार में कृषि के साथ ही उद्योगों के विकास पर जोर दिया था. उनकी विचारधारा समाज को साथ लेकर चलने की थी और उनका कृतित्व और व्यक्तित्व हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसा बिहार बनाना चाहते हैं, जहां मजबूरी में कोई काम के लिए बाहर जाने को मजबूर नहीं हो. केंद्र की मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग सफलता के आकर्षण में डूबे हुए हैं, ऐसे लोगों के प्रभाव से हमें बिहार को मुक्त रखना है. आज का विकासोन्मुख बिहार श्रीबाबू जैसे महान शिल्पी की ही देन है.

इस मौके पर पूर्व राज्यपाल वाल्मीकि प्रसाद सिंह ने कहा के श्रीकृष्ण बाबू आधुनिक बिहार के निर्माता ही नहीं, बल्कि महान चिंतक भी थे. उन्होंने ही दक्षिण बिहार में कारखाना और उत्तर बिहार में मानव संसाधन का प्रयोग कर विकास की रूपरेखा रखी थी. वह समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर विकास के पक्षधर थे. इतिहास में उन्हें हमेशा आधुनिक बिहार के निर्माता के तौर पर याद किया जाता रहेगा. राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह को हिंदू-मुसलिम एकता, भूमि सुधार और आधुनिक बिहार के निर्माता के तौर पर हमेशा याद किया जाता रहेगा. वहीं, सांसद पवन वर्मा ने कहा कि राजनीति की परिभाषा वर्तमान की मोहताज नहीं है. बिहार की बुनियाद के साथ इतिहास जुड़ा हुआ है. लोकतंत्र में न्यायपूर्ण समाज एवं समावेशी विकास पर ध्यान देना चाहिए और निजी जिंदगी पारदर्शी और ईमानदार होनी चाहिए.

बिहार प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कोई भी देश या राज्य समाज या जाति के किसी एक वर्ग को छोड़ कर विकास के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता है. श्रीबाबू ने समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर आजादी के बाद बिहार को देश का अग्रणी राज्य बनाया और एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें उद्योग के साथ कृषि क्षेत्र का विकास भी सुनिश्चित हो सका. बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जय कुमार सिंह व पीके शाही, प्रसून कुमार, एमएलसी नीरज कुमार भी उपस्थित थे. समारोह का संचालन राम सागर ठाकुर ने किया.

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