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जनता दरबार में आक्रोशित युवक ने CM नीतीश की तरफ फेंकी चप्पल, देखें VIDEO

पटना : बिहार में अग्निकांड को लेकर जारी सरकारी परामर्श से आक्रोशित एक युवक के जनता दरबार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर चप्पल फेंकी. युवक को मौजूद सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया. ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ के बाद पत्रकारों के बातचीत के दौरान नीतीश से घटना के बारे में पूछे जाने पर […]

पटना : बिहार में अग्निकांड को लेकर जारी सरकारी परामर्श से आक्रोशित एक युवक के जनता दरबार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर चप्पल फेंकी. युवक को मौजूद सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया. ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ के बाद पत्रकारों के बातचीत के दौरान नीतीश से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि चप्पल उनके दायीं ओर छाती पर उस समय लगी, जब वह एक आवेदन पढ़ने में तल्लीन थे. हालांकि यह घटना कैमरे में कैद नहीं हो सकी.

मुख्यमंत्री नीतीश ने इसकी पुष्टि करते हुए संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने सफेद कुर्ते पर उक्त चप्पल के दाग दिखाते और मजाहिए लहजे में कहा कि चप्पल इतनी गंदी थी कि उसके निशान उनके कपड़े पर उभर आये हैं. अरवल जिला निवासी गिरफ्तार युवक का नाम भी नीतीश कुमार है और वह ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में अपनी फरियादी के रूप में आया था और वहां तैनात सुरक्षा बल उसकी मंशा को समझ पाते उसने अपने पावं से चप्पल निकाली और उसे नीतीश की ओर फेंक दिया. बाद में सुरक्षा बलों ने उसे पकड़ लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

इस घटना के बारे में नीतीश ने बताया कि युवक की इस हरकत पर सुरक्षा बलों के उसे पकड़ने पर उन्होंने उसके साथ कुछ भी करने से मना किया और उसे करीब बुलाकर बैठाने को कहा. उन्होंने कहा कि उसे एक कुर्सी पर बैठाते हुए उससे जब हमने यह पूछा कि ऐसा उसने क्यों किया तो उसने कहा कि आपने हवन पर रोक लगा दी है जिस पर हमने उससे पूछा कि कहां ऐसी कोई रोक लगायी गयी है.

नीतीश ने कहा, युवक ने कहा कि ऐसा अखबार में छपा है और यह सब हिंदूओं के खिलाफ हैं. उससे मैंने पूछा कि हम क्या हैं तो उसने कहा कि आप भी हिंदू हैं, तब हमने उससे कहा कि तुम ही सबसे बड़े वकील बने हो. उन्होंने बताया कि युवक को उबकाई आने की शिकायत करने पर चिकित्सक को बुलाकर उसका मेडिकल जांच करवाई तो सब कुछ ठीक पाया गया.

सीएम नीतीश ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में अग्निकांड की घटना को देखते हुए हाल में पटना प्रमंडल की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारियों द्वारा बताया गया कि दिन के 12 बजे के बाद और अपराह्न चार बजे के बीच ही आग लग रही है. यह खाना बनाने, गेंहू की कटनी वाली मशीन से एवं हवन आदि से चिंगारी निकलने से ऐसी घटनाएं घट रही हैं. इस पर भयंकर गर्मी और निरंतर पछुआ हवा के बहने के मद्देनजर आम जन के लिए परामर्श जारी किये जाने का निर्देश दिया गया था.

उन्होंने कहा कि जनहित में परामर्श जारी करना हमारा दायित्व और कर्तव्य है. इसका गलत अर्थ निकाला जाना कि धार्मिक अधिकार पर हमला कर रहे हैं, जो पूरी तरह बेबुनियाद है. इससे बड़ा गलत अर्थ निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को हिंदू होने का किसी से प्रमाणपत्र चाहिए क्या.” नीतीश ने कहा कि भयंकर गर्मी और पछुआ हवा के मद्देनजर सरकार के इस तरह के परामर्श का गलत अर्थ निकाले जाने का जनता पर असर नहीं पड़ता क्योंकि जनता को मालूम है कि इस तरह का परामर्श देने वाले की नीयत ठीक है या नहीं. पाबंदी उन्हीं चीजों पर लगाएंगे जो गलत है जैसे शराब पीना गलत है तो उसपर पाबंदी लगा रहे हैं.

संवाददाता सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर की उपस्थिति में नीतीश से इसे उनकी सुरक्षा में चूक को लेकर पूछे गये प्रश्न पर कहा, अरे काहे का सुरक्षा में चूक. किसी को क्या मालूम. यह तो आदमी के स्वभाव पर निर्भर करता है. कोई जानता है कि कौन क्या करेगा. इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए. तरह-तरह के विचार धारण करने वाले लोग होते हैं और उसके कई कारण हो सकते हैं. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में मौजूद लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब यहीं इतने लोग बैठे हुए हैं और यहां पर कोई एक-दूसरे भिड़ जाये तो क्या सुरक्षा में चूक हुई.

नीतीश ने कहा कि हम लोग जानते हैं कि कोई फूलों की सेज पर बैठने के लिए जनता ने जनादेश नहीं दिया बल्कि हम यह जानते हैं कि यह :मुख्यमंत्री की कुर्सी: कांटों का ताज है. इच्छापूर्वक इसको ग्रहण किया है और अनिच्छापूर्वक ग्रहण नहीं किया इसलिए काम करते रहेंगे.

मुख्यमंत्रीने कहा कि जब तक पछुआ हवा और अधिक गर्मी का माहौल है तब तक खाना बनाने के क्रम, हवन के दौरान, गेंहू की काटने की मशीन से चिंगारी निकलने के खतरे को लेकर सचेत रहने तथा इस बारे में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कि सुबह नौ बजे शाम छह बजे तक आग न जलाने का परामर्श जारी किया है. उन्होंने कहा, अगर यह गुनाह है तो मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है. नीतीश ने कहा कि अगर इस तरह से इसकी व्याख्या की जाती रही तो उनकी समझ से सरकार में बैठे रहने वाले लोग चुपचाप बैठे रहे कोई काम नहीं करे.

उन्होंने कहा, हमें जनता ने जनादेश दिया है और हमारा सुशासन सक्रिय है और हमारा प्रशासन सोने वाला नहीं है, मेरे गवर्नेंस की परिभाषा भिन्न है. हम हाथ पर हाथ धरकर बैठे नहीं तथा कोई नौकरी करने नहीं आए बल्कि जनता की अपेक्षा हमसे मार्गदर्शन, नेतृत्व की है और हम उनके भले के बारे में सोचेंगे और लोगों को बताएंगे. अगर हम ऐसा नहीं करते तो हम अपने कर्तव्य को सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं.

नीतीश ने कहा, अगर इससे किसी को लगा कि हमारी सरकार द्वारा परामर्श जारी किया जाना गलत है और उसको लेकर कोई हमपर चप्पल फेंक दी तो उसमें उन्हें कोई एतराज नहीं. मैंने तो पुलिस महानिदेशक को कह दिया है कि उसको मेरी तरफ से माफ कर दीजिए और छोड़ दीजिए. उन्होंने कहा, अगर कोई चाहे तो मुझको गोली भी मार सकता है, मुझे कोई एतराज नहीं. मैं पहले की कह देता हूं उनपर कोई मुकदमा नहीं चलाइये. यह क्या कि कोई हम पर चप्पल या ढेला फेंकेगा उसके चलते हम लोगों को सही बात और लोगों के हित की बात नहीं कहें.

उल्लेखनीय है कि उक्त युवक ने इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा आयोजित जनता दरबार में भी हंगामा किया था.

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