पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में काले धन पर रोक लगाने के लिए एटीएम नकद वाहन जांच के घेरे में हैं. बिहार में एटीएम मशीनों के लिए नकद ले जाने वाले सैकड़ों वाहन खुफिया राजस्व एजेंसियों के जांच घेरे में हैं.
बैंकों को निर्देश
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चुनाव से पहले बैंको से इन वाहनों में ले जाए जाने वाली नकदी का हर समय रिकार्ड बनाए रखने और धन के अवैध प्रवाह पर रोक लगाने का काम कर रहे अधिकारियों के मांगने पर उन्हें दिखाने को कहा गया है. अधिकारियों का मानना है कि इन वाहनों का संचालन निजी सुरक्षा एजेंसियां करती हैं और इनका इस्तेमाल विभिन्न बैंक करते हैं. इन वाहनों को आमतौर पर जांच में छूट मिलती है. क्योंकि उचित प्रक्रिया के बाद बैंक उनसे संपर्क करते हैं.
वैन पर होगी कड़ी निगरानी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन वाहनों की जांच के लिए बैंकों और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं. इन वाहनों के माध्यम से अवैध नकदी को ले जाने का काम किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. सभी सरकारी एजेंसियां चुनाव से पहले अवैध धन के प्रवाह को रोकने के लिए कड़ी निगरानी बनाए हुई हैं. चुनाव मशीनरी ने राज्य में अबतक 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी जब्त की है जो लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में जब्त की गयी धनराशि से दोगुनी है.
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की प्रभावी निगरानी के लिए व्यापक निर्देश जारी किए हैं जिनमें उडन दस्तों, स्थिर एवं वीडियो निगरानी टीमों का गठन, आयकर विभाग के जांच निदेशालयों की भागीदारी शामिल है. राज्य आबकारी विभाग और पुलिस अधिकारियों से भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान शराब और दूसरे मादक पदार्थों के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भंडारण की निगरानी करने के लिए कहा गया है.
पारदर्शिता है प्राथमिकता
बेहतर पारदर्शिता एवं चुनाव खर्च की निगरानी में आसानी के लिए उम्मीदवारों के लिए अलग बैंक खाता खोलना और उससे अपने चुनाव खर्च उठाना आवश्यक है. आयकर विभाग के जांच निदेशालय को हवाईअड्डों पर वायु खुफिया शाखाएं खोलने और साथ ही खुफिया जानकारी जुटाने एवं भारी धनराशि की आवाजाही के खिलाफ जरुरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. चुनाव के दौरान 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 243 आम पर्यवेक्षक के अलावा 80 व्यय पर्यवेक्षक भी होंगे.