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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आगे बढ़ रहे किसान

सीधे प्रसारण से किसानों की समस्या समझ कर सलाह दे रहे कृषि वैज्ञानिक अगर किसानों को अपने खेत पर ही फसल के बारे में उचित व अत्याधुनिक जानकारी मिल जाये, तो इसका लाभ किसान उठा सकते हैं. जिस तरह सीधा प्रसारण विभिन्न न्यूज चैनल के द्वारा होता है, उसी तरह का प्रयास भागलपुर स्थित बिहार […]

सीधे प्रसारण से किसानों की समस्या समझ कर सलाह दे रहे कृषि वैज्ञानिक
अगर किसानों को अपने खेत पर ही फसल के बारे में उचित व अत्याधुनिक जानकारी मिल जाये, तो इसका लाभ किसान उठा सकते हैं. जिस तरह सीधा प्रसारण विभिन्न न्यूज चैनल के द्वारा होता है, उसी तरह का प्रयास भागलपुर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने किया है.
विकास सिन्हा
किसानों को उचित लाभ मिले, इसके लिए खेतों से सीधा प्रसारण किया जा रहा है. इसके लिये जिलों में स्थित कृषि विकास केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. किसान अपनी समस्या कृषि विकास केंद्र के वैज्ञानिकों को देते हैं, इसके बाद केंद्र में स्थित मीडिया सेल के लोग खेतों में पहुंचते हैं. मीडिया की लाइव सेल द्वारा उच्च तकनीक कैमरों से सबौर स्थित मीडिया सेल के विशेषज्ञ कृषि वैज्ञानिक चल रहे लाइव टेलीकास्ट से समझ कर सलाह देते हैं.
बिहार-झारखंड में इस तरह का प्रयोग पहली बार
केंद्र के कृषि वैज्ञानिक सह प्रसार निदेशक डॉ आरके सुहानी के अनुसार इस तरह का लाइव प्रसारण बिहार व झारखंड में पहली बार किया जा रहा है. निजी विश्वविद्यालय को छोड़ दिया जाये, तो देश में पहली बार किसी सरकारी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ऐसा सीधा प्रसारण किया जा रहा है.
यह बिहार कृषि विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है. डॉ सुहानी कहते हैं कि हम पहले भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किसानों की समस्याओं को सुनते रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं. लेकिन यह पहली बार संभव हो रहा है कि खेतों से लाइव प्रसारण किया जा रहा है. अब किसान जिलों में स्थित कृषि विकास केंद्र न आकर खेतों से अपनी समस्याओं को बताते हैं. इस तरह का प्रयास पहली बार किसी विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है.
यू-ट्यूब पर मची धूम
कृषि वैज्ञानिक सह प्रसार निदेशक डॉ आरके सुहानी कहते हैं कि बीएयू बिहार का एकमात्र ऐसा विवि बन चुका है, जहां के कृषि से संबंधित रिपोर्ट व वीडियो यू-ट्यूब पर देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में खूब सराहे जा रहे हैं. नये अनुसंधान से किसानों को लाभ भी पहुंच रहा है. विवि के कृषि विज्ञान केंद्र से किसान प्रशिक्षित किये जा रहे हैं.
खाड़ी देशों में देखे जा रहे यू-ट्यूब वीडियो
बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए बनाये गये यू-ट्यूब वीडियो को विदेशों में भी सराहा जा रहा है. यू-ट्यूब पर बकरी पालन व पॉल्ट्री पर बनी फिल्म देखी जा रही है. अब तक 17 फिल्म यू-ट्यूब पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अपलोड किया गया है. इसमें पॉल्ट्री, बकरी पालन, बिहार में स्ट्राॅबेरी की खेती, धान में प्रमुख कीटों से क्षति और बीमारियों से बचाव सहित अन्य फिल्मों के अलावा तोरी और मसूर की खेती पर बनी फिल्म है.
बीएयू द्वारा बनायी गयी प्रशिक्षण व अनुसंधान फिल्म को अब तक लगभग 178 देशों में एक लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है. मुर्गी पालन का यूटयूब 40,552 लोगों ने देखा है. बीएयू द्वारा पॉल्ट्री फार्म पर बनी फिल्म को सबसे ज्यादा लोगों ने देखा है. सिर्फ पाॅल्ट्री पर बनी फिल्म को सबसे अधिक 31498 लोगों ने देखा है. इसके अलावा अनुसंधान व फसलों पर बनायी गयी फिल्म की सीडी भी दो हजार से अधिक बिक चुकी है. विश्वविद्यालय का 10 एपीसोड ट्रायल के लिए दूरदर्शन ने भी प्रसारित किया है. अब यू-ट्यूब पर फिल्मों के दिखाने से राजस्व की प्राप्ति भी हो रही है. पिछले दिनों यू-ट्यूब से विश्वविद्यालय को 156.20 डॉलर आमदनी भी हुई है. विश्वविद्यालय दूरदर्शन के साथ जल्द ही नियमित प्रसारण की तैयारी कर रही है.
किसानों को प्रशिक्षित कर हैं वैज्ञानिक
पूरे प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 18 केवीके द्वारा किसानों को अपडेट किया जा रहा है. अब तक किसानों को 332 प्रशिक्षण दिये जा चुके हैं. इसमें करीब 7360 से ज्यादा किसानों को प्रशिक्षित किया गया है. इन किसानों को कृषि के क्षेत्र में अनुसंधानिक खेती के संबंध में बताया गया है. कटिहार के केवीके में 30 सत्र प्रशिक्षण केंद्र बुलाये गये, इसमें 690 किसान, नालंदा के हरनौत में 26 सत्र में 598 किसान, सहरसा के 30 सत्रों में 629, औरंगाबाद के 29 सत्रों में 667, अररिया के 30 सत्रों में 630 किसान, अरवल के 03 सत्रों में 72, बांका के 30 सत्रों में 690, सबौर के 6 में 26, गया के 31 में 746, लखीसराय के 6 में 141, मुंगेर के 30 सत्रों में 602, पटना के 28 में 216, पूर्णिया के 29 में 638, रोहतास के 5 में 98, शेखपुरा के 7 में 64, सुपौल के 5 में 20 किसानों को प्रशिक्षित किया गया. इस तरह 332 सत्रों में 7360 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया.
कोट –
किसानों को हो रहा है लाभ : कुलपति
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एके सिंह कहते हैं कि लाइव टेलीकास्ट से किसानों को लाभ हो रहा है. अब किसानों की समस्याओं को त्वरित समाधान विशषेज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है. किसान अपने खेत से ही फसल के संबंध में होने वाली परेशानियों के बारे में बताते हैं और हमारे वैज्ञानिक केवीके में बैठ कर तुरंत समस्याओं का समाधान करते हैं. फसलों में होनेवाली बीमारियों का तुरंत रोकथाम होता है. इससे फसलों को लाभ मिलता है. डॉ सिंह कहते हैं कि आनेवाले दिनों में बिहार कृषि विश्वविद्यालय की मदद से किसानों के फसलों का उत्पादन बढ़ेगा.
मीडिया सेल का महत्वपूर्ण योगदान
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मीडिया सेल ग्राउंड से लाइवटेलीकास्ट में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. इसमें कार्यरत ईश्वर, मनीष, शालीग्राम व ब्रजेश तिवारी कई लाइव टेलीकास्ट कर चुके हैं और किसानों से रू-ब-रू हो रहे हैं. अच्छी टीम का भी लाभ किसान व विश्वविद्यालय को मिल रहा है

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