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Thursday, March 28, 2024

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कल्पवासियों को सुविधा उपलब्ध कराने में जुटा जिला प्रशासन

बीहट : कल्पवासियों को पूरी सुरक्षा तथा आराम सुनिश्चित कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. इसके लिए जिला पदाधिकारी और एसपी खुद व्यवस्था की लगातार मॉनीटरिंग लगे हैं.कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं के सुरिक्षत स्नान के लिए पानी के अंदर व्यापक व्यवस्था की गयी है. इसके लिए 17 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम के अलावा प्रशिक्षित स्थानीय गोताखोरों […]

बीहट : कल्पवासियों को पूरी सुरक्षा तथा आराम सुनिश्चित कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. इसके लिए जिला पदाधिकारी और एसपी खुद व्यवस्था की लगातार मॉनीटरिंग लगे हैं.कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं के सुरिक्षत स्नान के लिए पानी के अंदर व्यापक व्यवस्था की गयी है.
इसके लिए 17 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम के अलावा प्रशिक्षित स्थानीय गोताखोरों को गंगा तट पर प्रतिनियुक्त किया गया है. सिविल डिफेंस की टीम को भी लगाया गया है.कल्पवास मेला तथा कुंभ स्नान पर उमडनेवाली भीड़ को देखते हुए 25 सौ महिला-पुरुष जवानों के साथ पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. साथ में घुड़सवार दस्ता,डॉग स्क्वायड,वॉच टावर और ड्रोन कैमरा से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जायेगी. पूरे कल्पवास क्षेत्र को 12 सेक्टर और 102 सब सेक्टर में बांटा गया है.
इसके अलावा शौचालय, बिजली, पानी, घाटों की साफ-सफाई तथा सभी खालसाओं में शौचालय और चापाकल की व्यवस्था की गयी है. बरौनी बीडीओ ओम राजपूत,सीओ अजय राज तथा सदर एसडीओ जनार्दन कुमार ने कहा मेले को स्वच्छ,सुरिक्षत और भव्य बनाने के लिये मेला प्रशासन पूरी तरह से संकल्पित है.
संत महा सम्मेलन का आयोजन :बछवाड़ा. प्रखंड क्षेत्र के कादराबाद गांव स्थित धर्मेंद्र रजक के दरवाजे पर रविवार को संत महासम्मेलन का आयोजन किया गया. अध्यक्षता महंत अर्जुन साहेब ने की. सभा का संचालन संत अकल दास ने किया.
सम्मेलन में नाल वादक संत हर्रख साहेब एवं भजन गायक महात्मा लखन, जदू गोसाईं, अशोक दास, विनोद साहेब, पोसन साहेब आदि लोगों ने भजन एवं अमृतवाणी के माध्यम से श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया.
बीहट . धर्म, संस्कृति और आस्था का संगम सिमरियाधाम के पुरोहितों का अपने यजमानों के साथ संबंध काफी पुराना है. पुरोहितों व यजमानों की कई पीढ़ियां खत्म हो गयीं, लेकिन वर्तमान में भी दोनों के बीच का संबंध बिल्कुल पहले जैसा है.
पंडा-यजमान के बीच इस संबंध को कायम रखने में सबसे महत्वपूर्ण है पुरोहितों के पास संपत्ति के रूप में मौजूद बही-खाता. सिमरिया के पंडों की बही की खासियत यह है कि इनके पास उनके क्षेत्र के तमाम यजमानों का विस्तृत ब्योरा मौजूद रहता है. इसी बही के आधार पर यजमान अपने पुरोहितों के पास पहुंच रहे हैं.
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