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”योगी” के बहाने ”योगी बेरा”

नीरज पांडेय स्वतंत्र टिप्पणीकार जब भारत में ‘योगी’ की चर्चा जोरों पर है, हन्ना-बार्बरा के मशहूर कार्टून कैरेक्टर ‘योगी’ बीयर और इसी के बहाने अपने जमाने के धाकड़ अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी ‘योगी बेरा’ को याद करना काफी मजेदार है. पचास के दशक में अमेरिका में एक मशहूर बेसबॉल खिलाड़ी हुए, जिनका नाम था- योगी बेरा. […]

नीरज पांडेय

स्वतंत्र टिप्पणीकार

जब भारत में ‘योगी’ की चर्चा जोरों पर है, हन्ना-बार्बरा के मशहूर कार्टून कैरेक्टर ‘योगी’ बीयर और इसी के बहाने अपने जमाने के धाकड़ अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी ‘योगी बेरा’ को याद करना काफी मजेदार है. पचास के दशक में अमेरिका में एक मशहूर बेसबॉल खिलाड़ी हुए, जिनका नाम था- योगी बेरा. बेरा की वहां उसी तरह धूम थी, जैसे हमारे यहां विराट कोहली की है. योगी बेरा के दौर में ही अमेरिका में हन्ना-बार्बरा प्रोडक्शंस की शुरुआत हुई.

विलियम हन्ना और जोसेफ बार्बरा ने 1957 में अपनी एनिमेशन कंपनी शुरू की और 1958 में कार्टून कैरेक्टर ‘योगी बीयर’ को लॉन्च किया. योगी बीयर को हन्ना-बार्बरा का पहला ब्रेकआउट कैरेक्टर माना जाता है. (यानी वे कार्टून किरदार, जो कॉमिक्स, टीवी सीरियल, मैगजीन से लेकर वीडियो गेम्स तक में छा जायें.) जब हन्ना-बार्बरा ने ‘योगी बीयर’ की शुरुआत की, तो ‘योगी बेरा’ बुरा मान गये. योगी बेरा को लगा कि कार्टून कैरेक्टर से उनकी साख को नुकसान होगा. लेकिन, हन्ना-बार्बरा ने यह कह कर अपना बचाव किया कि, ‘किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से योगी बीयर की समानता एक संयोग मात्र है’.

योगी बेरा महान खिलाड़ी थे. उन्होंने कानूनी लड़ाई भी लड़ी, लेकिन बाद में मुकदमा वापस ले लिया. लेकिन, दिलचस्प यह जानना है कि योगी बेरा के नाम में ‘योगी’ शब्द कहां से आया. योगी बेरा का असली नाम लॉरेंस बेरा था. बेरा के एक दोस्त ने किसी फिल्म में भारत के योगियों को देखा था. फिल्म देखने के बाद उसी दिन उसने खेल के मैदान में बेरा को बैठे देखा, तो उछल पड़ा. बेरा घास पर उसी तरह से अपने पैरों को क्रॉस करके बैठे थे, जैसे भारतीय योगी (पद्मासन में) बैठते हैं. बस तभी से बेरा को उनके दोस्त ने ‘योगी बेरा’ बोलना शुरू कर दिया. इसके साथ ही लॉरेंस बेरा ‘योगी’ के नाम से मशहूर हो गये. न्यूयॉर्क यांकीज की ओर से खेलनेवाले योगी बेरा को वर्ष 1972 में बेसबॉल हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया. लेकिन, सिर्फ यही बात योगी बेरा को दुनिया के महानतम खिलाड़ियों से अलग नहीं करती है.

बेसबॉल का यह ‘योगी’ इस मायने में बेजोड़ था कि इसने खेल और जिंदगी को जोड़ कर एक से बढ़ कर एक ‘दर्शन’ गढ़े थे. अक्सर पत्रकारों, दोस्तों और अपने परिचितों से बातचीत के दौरान योगी बेरा ऐसे ‘मेटाफर’ का इस्तेमाल करते, जो अमेरिका में इतिहास बन गये. मिसाल के तौर पर, वर्ष 1973 में जब योगी बेरा की टीम मुकाबला हार रही थी, तो उन्होंने कहा- ‘मैच का तब तक अंत मत मानो, जब तक इसका अंत नहीं हो जाता.’ खेल और जिंदगी में यह बात वाकई समान तौर पर लागू होती है कि-हड़बड़ी में किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले आखिरी वक्त तक संघर्ष करो.

नब्बे के दशक में अमेरिकी गीतकार-संगीतकार लेनी क्रैविज ने अपने सुपरहिट अलबम ‘मम्मा सेड’ के एक गाने को योगी की इसी लाइन से टाइटल दिया और बाद में एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि उनका गीत ‘योगी-इज्म (योगी बेरा के विचार इसी नाम से प्रचलित हुए)’ से ही प्रभावित था.

न्यूयॉर्क के मेयर से लेकर व्हाॅइट हाउस तक के पत्राचार में योगी के इस अद्भुत वाक्य का जिक्र हुआ. गूगल पर इस अमेरिकी ‘योगी’ के वनलाइनर्स खूब सर्च किये गये हैं. इन्हीं में से एक है- ‘दूसरों के अंतिम संस्कार में जरूर जाना चाहिए, वरना वे आपके वक्त में नहीं आयेंगे.’ गहराई से सोचिये, है न कमाल की बात! कौन कहता है ‘योगी’ बनने के लिए गेरुआ रंग से रंगना जरूरी है!

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