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पुनपुन नाव दुर्घटना : कलेन गांव में पसरा मातमी सन्नाटा, BDO की गाड़ी पर आक्रोशित लोगों ने किया पथराव

बाजार से लौट रहे थे लोग, नाव केकिनारे पहुंचते ही हादसा एक महिला का शव मिला, छह को सुरक्षित बचाया गया देवकुंड/औरंगाबाद : औरंगाबाद जिले में ओबरा प्रखंड स्थित खुदवां के पास पुनपुन नदी में हुए बुधवार अपराह्न एक नाव हादसे में करीब 20 से अधिक लोगों के लापता होने की सूचना है. मंगलवार को […]

बाजार से लौट रहे थे लोग, नाव केकिनारे पहुंचते ही हादसा
एक महिला का शव मिला, छह को सुरक्षित बचाया गया
देवकुंड/औरंगाबाद : औरंगाबाद जिले में ओबरा प्रखंड स्थित खुदवां के पास पुनपुन नदी में हुए बुधवार अपराह्न एक नाव हादसे में करीब 20 से अधिक लोगों के लापता होने की सूचना है. मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे हुई इस घटना में लापता लोगों में से कलेन गांव की एक महिला की लाश बरामद कर ली गयी है. इस घटना में लापता लोगों में तीन स्कूली स्टूडेंट्स भी शामिल हैं. पता चला है कि नाव पर करीब 30 लोग सवार थे, जिनमें छह लोगों को बचा लिया गया. बुधवार सुबह तक नाव की तलाशी अभियान जारी है और आठ लोग अब भी लापता बताये जा रहे हैं.बुधवार को दिन में भी एनडीआरएफ और एसटीआरएफ की टीम घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य में लगी है.हालांकिजिला प्रशासन के अनुसार नाव में कुल 18 सवार थे, जिनमें सात बच निकले.
एक की लाश मिली है, जबकि आठ की तलाश जारी है. नाैका दुर्घटना की सूचना मिलने के साथ ही घटनास्थल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी. घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच कर डीएम कंवल तनुज ने बचाव कार्य को आगे बढ़वाया. नाव हादसे में मृत पायी गयी महेश्वरी देवी नामक महिला के परिजनों को मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये दिये जाने की बात भी कही गयी है.

हमारे औरंगाबाद प्रतिनिधि के अनुसार, देवहरा स्थित पुल के पास भी पुलिस व राहत टीम तैनात है, ताकि लापता लोगों का पता लगाया जा सके. लोग राहत व बचाव कार्य स्थल पर बड़ी संख्या में खड़े हैं और ईश्वर से यह कामना कर रहे हैं कि लोग जीवित बच जायें. एसडीपीओ घटनास्थल पर तैनात हैं, हालांकि प्रशासन के प्रति लोगों में आक्रोश भी दिख रहा है. आज बीडीओ की वाहन पर पथराव भी किया गया.

हमारे प्रतिनिधि के अनुसार, लोग बीडीओ की गाड़ी को आग लगा देते, लेकिन मौके पर मौजूूद प्रशासनिक दस्ते ने स्थिति को नियंत्रित किया.
जानकारी के मुताबिक, नाव पर सवार सभी लोग खुदवां थाने के कलेन गांव के थे. इस गांव में मातम पसरा हुआ है.इनमें से अधिकतर खुदवां बाजार आये थे, जहां से काम निबटाने के बाद नाव से ही लौट रहे थे. कलेन की आबादी के लिए खुदवां ही मुख्य बाजार है. वैसे, मंगलवार को सिंहाड़ी बाजार भी लगा था. खुदवां से कलेन लौटनेवालों के समूह में तीन स्कूली बच्चे भी थे, जो छुट्टी के बाद अपने घर जा रहे थे. करीब 30 की संख्या में नाव पर सवार लोग सही-सलामत नदी पार भी कर चुके थे.
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पुनपुन नाव दुर्घटना : कलेन गांव में पसरा मातमी सन्नाटा, bdo की गाड़ी पर आक्रोशित लोगों ने किया पथराव 3
नाव हादसे के बाद लापता लोगों के परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है.
पर, पता चला है कि नाव जब कलेन गांव से लगनेवाले पुनपुन के किनारे पहुंची, तो वहां भी पानी की धारा काफी तेज थी. उधर, नाव पर सवार लोग उतरने के लिए अधीर हो तेजी से चहलकदमी करने लगे, जिससे संतुलन बिगड़ा और नाव नदी की तेज धारा में उलट गयी. नाव पलटने से पुनपुन के तेज धार पानी में डूबे छह लोग तो जैसे-तैसे तैर कर बाहर आ गये, पर बाकी का पता नहीं चल सका.
करीब एक घंटे बाद कलेन निवासी नंदू चौहान की पत्नी माहेश्वरी देवी (60) की लाश बरामद हो सकी. बाकी लोगों की खोज जारी है. मंगलवार को पुनपुन का बहाव काफी तेज था, जिस वजह से पानी में लापता लोगों को खोजने में दिक्कतें भी पेश आ रही थीं. हालांकि, पौथू थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव के पास पुनपुन में दो अन्य लाशें मिलने की जानकारी आयी, पर ये लोग कौन हैं, स्पष्ट नहीं हो सका. पता नहीं चल सका कि ये उक्त नाव पर सवार लोगों में शामिल थे या नहीं.
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पुनपुन नाव दुर्घटना : कलेन गांव में पसरा मातमी सन्नाटा, bdo की गाड़ी पर आक्रोशित लोगों ने किया पथराव 4
हादसे के बाद अब तक कम से कम आठ लोग हैं लापता.
उधर, खुदवां के पास नाव हादसे की जानकारी मिलने के साथ ही औरंगाबाद के जिलाधिकारी कंवल तनुज ने जिले के बारुण में राहत व बचाव कार्य के लिए पहले से ही तैनात एसडीआरएफ की टीम को घटनास्थल पर बुलवाया. साथ ही, उन्होंने रोहतास प्रशासन से भी वहां तैनात एसडीआरएफ की टीम को खुदवां के लिए रवाना करने की अपील की, ताकि राहत व बचाव कार्य में और तेजी लायी जा सके. स्वयं जिलाधिकारी भी जल्दी ही घटनास्थल पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य की मॉनिटरिंग में लग गये. उनके साथ दाउदनगर के एसडीओ, डीएसपी, स्थानीय बीडीओ व सीओ मौजूद थे. इनके अतिरिक्त हसपुरा, दाउदनगर, खुदवां व गोह पुलिस के जवान व अफसर भी घटनास्थल पर बुला लिये गये थे, ताकि जब जैसी जरूरत पड़े, कदम उठाये जा सकें.
पुल की कमी पर भड़के लोग : स्थानीय लोगों का कहना है कि खुदवां और कलेन के बीच बड़ी संख्या में रोज लोगों का आना-जाना होता है. मार्केट, स्कूल, अस्पताल, थाना-पुलिस और कई अन्य प्रकार के कामकाज के लिए कलेन से लोगों को खुदवां जाना पड़ता है. पर, इन दोनों जगहों के बीच पुनपुन पर पुल नहीं होने के चलते लोग पानी पार कर आते-जाते हैं. पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के चलते पुनपुन में बाढ़ जैसी स्थिति है, जिस वजह से लोग नाव की मदद ले रहे हैं. मंगलवार को भी अधिकतर लोग कलेन से अलग-अलग काम से खुदवां आये थे और कार्य संपन्न कर वापस अपने घरों को लौट रहे थे, जब ऊपरोक्त हादसा हो गया.
बख्तियारपुर-मोकामा नेशनल हाइवे खुला
पटना में गंगा का पानी घटा, भागलपुर में उफान
पटना : गंगा नदी के जल स्तर में लगातार आ रही कमी के चलते पटना पर से बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है. दीघा से लेकर गायघाट तक शहर के तमाम घाटों पर मंगलवार को गंगा के जल स्तर में खासी कमी देखी गयी. पटना-बिहारशरीफ एनएच के दनियावां मार्ग पर जबकि पटना-मोकामा एनएच के बख्तियारपुर-बाढ़-मोकामा के बीच चढ़ा पानी उतर जाने से दोनों एनएच खुल गये. हालांकि, सोन व पुनपुन का पानी पटना जिले के आसपास क्षेत्रों में लगातार फैल रहा है.
पुनपुन के कारण फतुहा में जल स्तर बढ़ने से फतुहा दौलतपुर बांध पर 200 मीटर तक कटाव हुआ है. इस कारण से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. मनेर बाजार में आया पानी कुछ कमा है, लेकिन दियारे का पानी अभी कम नहीं हुआ है. मंगलवार को शहर में गंगा का जल स्तर दिन भर एक समान रहा. सुबह से लेकर शाम तक गंगा का जलस्तर 50.10 मीटर तक ही रहा. दानापुर पंचायत के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है.
उधर पटना- गया एनएच 83 पर स्थित जहानाबाद शहर के दरधा नदी पुल के दो पाये क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इसके बाद जिला प्रशासन ने उस पुल से भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी है. ऐसे में पटना और गया की ओर जानेवाले बड़ी संख्या में भारी वाहन एनएच के किनारे जहां-तहां खड़े किये गये हैं. वहीं, जहानाबाद-अरवल एनएच 110 पर बंधुगंज के पास बाढ़ का पानी चढ़ जाने से इस रास्ते पर आवागमन ठप हो गया है.
भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, समस्तीपुर में भी बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. बक्सर में भी गंगा उफान पर है. कटिहार में भी गंगा खतरे के निशान तक पहुंच गयी है.
खगड़िया में भी संकट बरकरार है. कहलगांव-लखीसराय मार्ग पर आवागमन बंद है ही, अब भागलपुर-पटना ट्रेन रूट पर भी खतरा बढ़ गया है. इधर, खगड़िया-कटिहार मेन रेलमार्ग पर चैधाबन्नी हॉल्ट के पास बाढ़ के कारण रिसाव की सूचना बाद रेल प्रशासन ने एहतियातन उपाय तेज कर दिये हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की मांग के आधार पर एनडीआरएफ की चार टीमें उपलब्ध करायी हैं. इनमें दो टीमें वैशाली और एक-एक टीमें बेगूसराय और समस्तीपुर में तैनात करने का निर्देश दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र से एनडीआरएफ की पांच टीमें मांगी हैं.
भागलपुर शहर में भी तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से लेकर नरगा तक चार जगहों पर सड़क पर पानी बह रहा है. मुंगेर में गंगा का जल स्तर बढ़ता जा रहा और बाढ़ का पानी नये क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है. एनएच 80 पर नौवागढ़ी, कल्याणपुर, घोरघट बंगाली टोला के समीप पानी का बहाव हो रहा है.
खगड़िया के गोगरी, परबत्ता, मानसी व सदर प्रखंड के 82 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. गोगरी व परबत्ता में बाढ़ का सबसे ज्यादा कहर टूटा है. खगड़िया शहर के वार्ड संख्या एक, 24, 26 में बाढ़ का असर देखा जा रहा है.
कटिहार के बरारी, कुरसेला, अमदाबाद व मनिहारी के तीन दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं.बरारी के सभी स्पर व तटबंध पर पानी का दबाव बना हुआ है, जबकि स्पर संख्या 08 का नोज धंस चुका है. बरारी का रिंग बांध टूटने के बाद कई गांव में बाढ़ का पानी फैल चुका है. यही स्थिति कुरसेला प्रखंड की भी है.
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर जारी सूचना के अनुसार 179 राहत शिविरों में 1.07 से अधिक लोगों ने शरण ली है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब तक 1.55 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है. बाढ़पीड़ितों की मदद के लिए अब भी एनडीआरएफ की 13 टीमें और एसडीआरएफ के 11 टीमें जुटी हैं.
विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार 12 जिलों के 1115 गांवों के 24 लाख से अधिक लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. 12 जिलों के दियारा में अब तक 22 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो चुका है, जिनमें भोजपुर में 12, वैशाली में छह, भागलपुर में दो, बक्सर में एक और लखीसराय में एक शामिल है. इस प्रकार राज्य में 24 जुलाई से अब तक कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, लगभग आठ लाख हेक्टेयर में लगी फसल तबाह हो गया है.
राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के रधान सचिव ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है कि जहां बाढ़पीड़ित हों, वहीं राहत शिविर लगाये जाये.

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