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तीन को दबोचा, सरगना फरार

उपलब्धि. हीरापुर थाना अंतर्गत नीमतल्ला से बरामद हुआ जरमुंडी से अपहृत ट्रांसपोर्टर हीरापुर थाना के नीमतल्ला में दुमका जिले से अपहृत ट्रांसपोर्टर को रखा गया था. इस अपराध को स्थानीय अपराधियों ने अंजाम दिया था. इनमें से तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है. सरगना फरार है. वह विभिन्न थानों में कई आपराधिक मामलों में वांछित […]

उपलब्धि. हीरापुर थाना अंतर्गत नीमतल्ला से बरामद हुआ जरमुंडी से अपहृत ट्रांसपोर्टर
हीरापुर थाना के नीमतल्ला में दुमका जिले से अपहृत ट्रांसपोर्टर को रखा गया था. इस अपराध को स्थानीय अपराधियों ने अंजाम दिया था. इनमें से तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है. सरगना फरार है. वह विभिन्न थानों में कई आपराधिक मामलों में वांछित है.
बर्नपुर. दुमका (झारखंड) जिले की जरमुंडी थाना पुलिस ने हीरापुर थाना प्रभारी राजशेखर मुखर्जी के सहयोग से हीरापुर थाना अंतर्गत नीमतल्ला स्थित छाई गद्दा के पास एक घर में कैद जरमुंडी थाना अंतर्गत जारलीका ग्राम के निवासी व अपहृत सपन दास को मुक्त कराया.
पुलिस ने इस मामले में निसार अहमद, बबलू सुपन तथा कार चालक रवि साव को गिरफ्तार किया. तीनों को पुलिस अपने साथ ले गयी. उन्हें आसनसोल महकमा कोर्ट में बिना पेश किये ही ले जाया गया. संभवत: झारखंड पुलिस उनकी गिरफ्तारी अन्यत्र से दिखा सकती है.
इस संबंध में बीते 12 अप्रैल को सपन की गुमशुदगी तथा 19 अप्रैल को अपहरण की प्राथमिकी जरमुंडी थाने में उसकी पत्नी अरूणा दास ने दर्ज करायी थी. इस मामले में नीमतल्ला का कुख्यात अपराधी तथा सरगना फरार होने में सफल रहा.
सनद रहे कि सपन दास जरमुडी थाना अंतर्गत जरलिका ग्राम का निवासी है. पिछले 12 अप्रैल को अचानक वह गायब हो गया. उसकी पत्नी अरूणा दास ने जरमुंडी थाना में उसकी गुमशुदगी क ी शिकायत दर्ज करायी थी. बाद में 19 अप्रैल को उसके अपहरण की प्राथमिकी (कांड संख्या 27/2017) भादवि का धारा 364 के तहत दर्ज की गयी. गुरुवार की सुबह जरमुंडी थाना पुलिस ने हीरापुर थाना पुलिस की मदद से उसे बरामद किया.
मुक्त सपन दास से बताया कि वह कार चालक है.उनके पास छह कारे है. उनके पास कृषि युक्त कुछ जमीन है. उनकी कारें भाड़े पर चलती है. कई स्थानो पर भाड़े पर जाने के दौरान कुछ अन्य चालको से भी परिचय हो गया है. पिछले 12 अप्रैल को दोपहर एक बजे जरमुंडी पहाडीहा जराटी ग्राम से वह अपने घर लौट रहा था. इसी क्रम में रास्ते में सुनसान स्थल पर स्कॉर्पियो पर सवार कुछ अपराधियों ने उसका रास्ता रोक लिया. उसमें से कई लोग बाहर निकले और कार की खिडकी से हाथ डालकर कार की चाबी निकाल ली.
कनपटी पर रिवाल्वर रखकर गाड़ी से उतरने का आदेश दिया. स्कार्पियो की बीच वाली सीट पर गला पकड़ कर लिटाये रखा गया. उसका मोबाइल फोन तथा पर्स छिन लिया गया था. जब स्कार्पियो र्वह से रवाना हो गयी तो कुछ किलो मीटर आने के बाद उनके हाथ को पीछे कर बांध दिया गया. इसके बाद उससे 30 लाख रूपये की मांग फिरौती में की गयी. उन्होंने इसकी सूचना परिजनों को दे दी. इसके बाद अपराधी उसे लेकर सीधे आसनसोल चले आये. आसनसोल से जराटी घर पर फोन कर 30 लाख रूपये की मांग की गयी.
उसके बेटे बिट्टू दास ने कहा कि उसके फोन में आसनसोल का लोकेशन दिखा रहा है. उसके बाद उनलोगो ने फोन छिन लिया. उसके साथ मारपीट करने के बाद उसे कमरे में बंद कर दो लोगो को पहरे पर लगाकर सभी चले गये. सुबह 8.30 मिनट में वापस आकर उनको बाहर निकाला गया. जाइलो में बिठाकर वे लोग नीमतल्ला से निकल गये. गाड़ी का चालक का चेहरा रूमाल से ढंका हुआ था. गाड़ी सीधे हाईवे से होकर आगे बढ़ रही थी. उनके साथ एक दूसरी गाड़ी भी चल रही थी. दोनों गाड़ियां सारी रात साथ-साथ चलती रही. बीच-बीच में चालक एक दूसरे से गाड़ी बदल ले रहे थे. इस दौरान चालक रवि के मुख से रूमाल खिसक गया.
वह बर्नपुर का रहने वाला था. उसको वह पहले से पहचानता था. उससे उसकी मुलकात दुमका में हुयी थी. वह एक चालक था. वह बराबर दुमका जाने-आने पर मुलाकात करता था. रवि को पहचाने के बाद भी चुप से बैठे रह गये. जब दिन की रोशनी में उसकी नजर माइल स्टोन पर पडी. जिससे उनको सिवान (बिहार) होने का पता चला. सिवान में एक घर के सामने गाड़ियां लगी. घर में एक बुढ़ी महिला थी. जिसे एक लड़का मां कह बुला रहा था. जिससे मालूम हुआ कि वह उनके किसी परिचित का घर था. वहं से दोवारा बिट्टू के मोबाइल फोन पर कॉल किया गया.
उनलोगो ने लडके से बात करने के लिए मोबाइल फोन दिया. उसने पुन: पिता को बताया कि उनका लोकेशन सिवान दिखा रहा है. उसके बाद फिरौती मद में 30 लाख रुपये की मांग कर फोन काट दिया गया. दूसरे दिन वे शुक्र वार तथा शनिवार को वहां रहने के बाद रविवार को सुबह 8.30 सिवान से रवाना हो गये. रात के 10 बजे वे लोग बर्नपुर स्थित नीमतल्ला पहुंच गये. वहां उनको छाईगद्दा स्थित घर में बंद कर रखा गया. सोमवार को फिरौती क ी रकम 15 लाख रूपये परिजनो के साथ तय होने के बाद मंगलवार को भुगतान करना था. तभी हीरापुर थाना पुलिस ने छापेमारी कर अपहरणकत्र्ताओ के चंगुल से मुक्त कराया.
उसकी पत्नी अरूणा दास ने कहा कि 12 अप्रैल को दोपहर के बाद से लापता रहने के बाद से इनके एटीएम से लगातार तीन ट्रांजेक्शन हुआ. जिसमें पहला ट्रांजेक्सन दस हजार पांच सौ, दूसरा ट्रांसजेक्शन दस हजार रुपये तथा अंतिम ट्रांसजे:शन चार हजार रूपये का था.
उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 12 अप्रैल को ही जरमुंडी थाना में दर्ज करायी गयी थी. उसके बाद से पुलिस लगातार खोज में जुटी हुयी थी. लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल रही थी. फोन लोकेशन के आधार पर पुलिस सिवान भी पहुंची, लेकिन पुलिस को वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा. हीरापुर थाना पुलिस के सहयोग से उनके पति का जीवन बचा है. एक दिन और लेट होने से उनको जीवित मिलना मुश्किल था.
मास्टर माइंड की तलाश जारी
हीरापुर थाना प्रभारी श्री मुखर्जी ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने निसार अहमद तथा बबलू सपन को गिरफ्तार किया है. इस मामले के असली आरोपी मास्टर माइंड की तलाश जारी है.
दोनो लोगो को दुमका जिले के जारमुंडी पुलिस के हवाले कर दिया गया है. फिरौती की रकम नही मिलने की सूरत में हत्या की साजिश की जा रही थी. जरमुंडी थाना पुलिस के एसआइ जीवंत तीव ने कहा कि हीरापुर पुलिस की मदद से मामले में सफलता मिली है.
अपहरण के मामले केस कर दुमका जिला न्यायिक हिरासत में पेश किया जायेगा. गिरफ्तार होनेवालों में निसार अहमद सिद्धार्थ नगर (उत्तर प्रदेश) का मूल निवासी है तथा नीमतल्ला में ही रहता है. जबकि बबलू सूपन ध्रुवडंगाल हेलापाड़ा का निवासी है. कार चालक रवि साव श्यामबांध का निवासी है. इस मामले में जमीला खातून की भी पुलिस को तलाश है.

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