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बीबी कॉलेज पीजी सेंटर को मिले छात्र

कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती के स्तर से बीबी कॉलेज तथा टीडीबी कॉलेज पीजी सेंटरों के लिए नये सिरे से ऑप्शन देने के निर्णय के बाद बीबी कॉलेज सेंटर को इस वर्ष के लिए छात्र मिल गये. संभावना है कि टीडीबी कॉलेज के लिए भी पहल की जायेगी. आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के हिंदी […]

कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती के स्तर से बीबी कॉलेज तथा टीडीबी कॉलेज पीजी सेंटरों के लिए नये सिरे से ऑप्शन देने के निर्णय के बाद बीबी कॉलेज सेंटर को इस वर्ष के लिए छात्र मिल गये. संभावना है कि टीडीबी कॉलेज के लिए भी पहल की जायेगी.
आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के हिंदी विभाग के स्नातकोत्तर स्टूडेंटसों की पढ़ाई के लिए कैंपस चयन की दो दिवसीय प्रक्रिया गुरूवार को समाप्त हो गयी. बीबी कॉलेज के हिंदी पीजी सेंटर के लिए दो छात्रएं भेजी गयी. हालांकि टीडीबी कॉलेज के लिए कोई निर्णय नहीं हो सका है.
कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती के निर्देश पर रजिस्टार डॉ अमित अब्राहम ने नोटिस के माध्यम से हिंदी विभाग में दाखिला ले चुके स्टूडेंटसों को दो दिनों के अंदर नये सिरे से कैंपस के चयन का मौका दिया था. सनद रहे कि यूनिवर्सिटी के तहत बीबी कॉलेज तथा टीडीबी कॉलेज के हिंदी स्नातकोत्तर सेंटरों को एक भी स्टूडेंट्स नहीं मिला है. जन विक्षोभ के मद्देनजर यूनिवर्सिटी विभाग ने इन दो सेंटरों के लिए स्टूडेंट्सों को मौका दिया गया था.
स्टूडेंटस के कैंपस के चयन की प्रक्रिया की पूरी जिम्मेवारी केएनयू के हिंदी विभागाध्यक्ष सह डीन डॉ विजय कुमार भारती को दी गयी थी. जिसके तहत डॉ भारती के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में गुरूवार तक स्टूडेंटस कैंपय चयन की प्रक्रिया में शामिल हुए.
गुरूवार को डॉ भारती ने चयन की अंतरिम रिपोर्ट रजिस्टार डॉ अब्राहम को सौंप दिया. डॉ अब्राहम ने कहा कि केएनयू के हिंदी स्नातकोत्तर विभाग में सत्र 2017-18 में कुल 51 स्टूडेंटसों ने हिस्सा लिया है. हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ भारती के नेतृत्व में चले दो दिवसीय कैंपस चयन प्रक्रिया में दो छात्रओं रश्मि तिवारी और नेहा कुमारी ने बीबी कॉलेज सेंटर का चयन किया है. टीडीबी कॉलेज कैंपस में पठन पाठन के लिए एक भी स्टूडेंटस ने चयन नहीं किया है.
इसलिए विश्वविद्यालय स्तर से टीडीबी कॉलेज को एक भी स्टूडेंटस नहीं भेजा जायेगा. दोनों स्टूडेंटसों के चयन संबंधित सूचना और उनके बीबी कॉलेज भेजने की आधिकारिक प्रक्रिया देर शाम तक चलती रही. केएनयू प्रवक्ता ने कहा कि बीबी कॉलेज से दोनों स्टूडेंटसों के बेहतर पठन-पाठन, नियमित कक्षाओं की नियमित जानकारी ली जायेगी. मात्र दो स्टूडेंटसों के होने को लेकर बीबी कॉलेज के स्तर से पठन पाठन को लेकर किसी प्रकार की कोताही नहीं चलेगी.
उनके परीक्षा परिणाम भी बेहतर होने चाहिए. अब अगर ये दोनों छात्रएं सत्र के बीच में केएनयू वापस आना चाहें तो उन्हें वापस नहीं लिया जायेगा. रजिस्टार डॉ अब्राहम ने कहा किसी भी स्टूडेंटस को जबरन कहीं नहीं भेजा जा सकता है. स्टूडेंटस को उनके पठन पाठन के चयन की पूर्ण स्वतंत्रता है.
पारदर्शिता के नाम पर की गयी लीपापोती
दो दिनों के लिए स्टूडेंट्सों को मौका देकर यूनिवर्सिटी ने भले ही पारदर्शिता जताने की कोशिश की है. लेकिन सेंटर संचालित करनेवाले कॉलेजों के प्रबंधन तथा शिक्षकों में भारी नाराजगी है. छात्रों ने पहले ही कहा था कि यह यूनिवर्सिटी का ‘आई वॉश’ है. छात्रों के लिए ‘आ बैल मुङो मार’ की स्थिति है. कॉलेज सेंटरों के शिक्षकों का कहना है कि नामांकन प्रक्रिया से लेकर कैंपस चयन तक में विवाद में बर्दवान लॉबी की सक्रियता था. स्वयं विभागाध्यक्ष सह डीन डॉ भारती की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस दौरान उन्हीं को नये सिरे से कैंपस चयन की प्रक्रिया का दायित्व सौंपना आरोपी को ही जज बनाने जैसा रहा. सभी छात्रों को व्यक्तिगत स्तर पर फोन कर बुलाया गया और ऑप्शन मांगा गया.
यदि पारदर्शिता ही बरतनी थी तो बीबी कॉलेज तथा टीडीबी कॉलेज के प्रतिनिधियों के सामने छात्रों से ऑप्शन मांगा जाना चाहिए था. लेकिन पूर्व की तरह इस बार भी इन कॉलजों के प्रतिनिधियों को कोई मौका नहीं दिया गया. जिन दो छात्रओं को सेंटर भेजा गया, उनके नाम बीबी कॉलेज के स्तर से भेजे गये थे तथा उन पर दबाब बनाना संभव नहीं था. यही कारण है कि इन दो छात्रओं को सेंटर भेजा गया.

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